All for Joomla All for Webmasters
जरूरी खबर

Income Tax: टैक्सपेयर्स अब 7 नवंबर तक भर सकेंगे ITR, सरकार ने बढ़ाई डेडलाइन- नहीं लगेगा कोई जुर्माना

TAX RETURN

वित्त मंत्रालय ने कंपनियों द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को बढ़ाकर सात नवंबर कर दी.

नई दिल्ली. टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है. सरकार की तरफ से इसे भरने के लिए डेडलाइन जारी की जाती है जिसके भीतर टैक्सपेयर्स को हर हाल में टैक्स भरना होता है. वित्त मंत्रालय ने कंपनियों द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को बढ़ाकर सात नवंबर कर दी. जिन कंपनियों को अपने खातों का ऑडिट कराना जरूरी है, उनके लिए आईटीआर (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख इससे पहले 31 अक्टूबर थी.

ये भी पढ़ेंAadhaar Card: देश के करोड़ों आधार कार्ड होल्डर के लिए जरूरी सूचना, लापरवाही बरती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि पिछले महीने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई गई थी, इसलिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है.

सीबीडीटी ने कहा कि आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के तहत आय का ब्योरा देने की तिथि बढ़ा दी गई है. यह पहले 31 अक्टूबर थी. इसे अब बढ़ाकर सात नवंबर, 2022 कर दिया गया है. घरेलू कंपनियों को वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 31 अक्टूबर, 2022 तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है. उन कंपनियों के लिए आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख 30 नवंबर, 2022 होगी, जिनकी स्थानांतरण मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है.

ये भी पढ़ेंPM Awas Yojana: पीएम आवास योजना की नई लिस्ट जारी, तुरंत चेक करें अपना नाम, ये रहा प्रोसेस

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के निदेशक (कंपनी और अंतरराष्ट्रीय कर) ओम राजपुरोहित ने कहा कि समयसीमा में विस्तार त्योहारी सीजन के दौरान बहुत जरूरी राहत प्रदान करेगा. पिछले महीने सीबीडीटी ने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा सात दिन बढ़ाकर सात अक्टूबर कर दी थी.

जानिए क्या है नियम और शर्तें?

जिन लोगों ने डेडलाइन तक किसी कारणवश अपना रिटर्न नहीं भर सके, वे अब 31 दिसंबर 2022 तक अपना रिटर्न भर सकेंगे, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी. इस रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न, लेट रिटर्न या रिवाइज्ड रिटर्न कहते हैं. इस सुविधा के तहत आप रिटर्न तो भर लेंगे लेकिन आपको कुछ जुर्माना देने के साथ, ब्याज और सेटऑफ के लाभ वंचित होना पड़ेगा.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top