ताइवानी कंपनी Pegatron Corp. ने लेटेस्ट आईफोन 14 (iPhone 14) को भारत में असेंबल करना शुरू कर दिया है. ऐपल सप्लायर Pegatron Corp. भारत में फोन बनाने का फैसला लेने वाली दूसरी कंपनी बन गई है.
ये भी पढ़ें– Gold Price Today: गिरावट के बाद सोने-चांदी में जबरदस्त तेजी, एक दिन पहले खरीदने वालों को बंपर फायदा
नई दिल्ली. Apple Inc. के लिए कॉन्ट्रैक्ट के तहत मैन्युफैक्चरिंग करने वाली ताइवानी कंपनी Pegatron Corp. ने लेटेस्ट आईफोन 14 (iPhone 14) को भारत में असेंबल करना शुरू कर दिया है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस मसले से जुड़े लोगों के हवाले से कहा गया है कि ऐपल सप्लायर Pegatron Corp. भारत में फोन बनाने का फैसला लेने वाली दूसरी कंपनी बन गई है.
हालांकि यह जानकारी शेयर करने वाले लोगों ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की है, क्योंकि ऐपल की तरफ से इस तरह का कोई फैसला सार्वजनिक नहीं किया गया है. इससे पहले फॉक्सकॉन सितंबर से भारत में आईफोन बनाना शुरू कर चुकी है. दरअसल, फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप (Foxconn Technology Group) चीन के शहर ज़ेग्ज़ोउ (Zhengzhou) में ऐपल के आईफोन प्रो का निर्माण करती थी. फॉक्सकॉन ग्रुप को भी कोविड-19 लॉकडाउन के तहत रखा गया है.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि स्मार्टफोन निर्माता ऐपल ने चीन पर बहुत अधिक निर्भरता को पहचाना. इसी को कम करने और भारत में अपने विस्तार की योजना के अनुरूप ऐसा फैसला लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, Apple ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, और Pegatron ने कमेंट के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.
फॉक्सकॉन ने सितंबर में भारत में आईफोन 14 बनाना शुरू किया. यह वैश्विक स्तर पर इसकी लॉन्चिंग के कुछ ही हफ्तों बाद शुरू हुआ. भारत में भी लगभग चीन के बराबर ही आईफोन 14 बनाए जाने की बात सामने आई है. ऐपल का यह प्रमुख प्रोडक्शन पार्टनर एक्सक्लूसिवली आईफोन प्रो को अब भी Zhengzhou में असेंबल कर रहा है.
पेगाट्रॉन चेन्नई में बनाता है आईफोन
पेगाट्रॉन फैक्ट्री चेन्नई के पास है, जिसमें सितंबर के अंत तक 7,000 से अधिक लोग कार्यरत थे. इसने इस साल की शुरुआत में iPhone 12 हैंडसेट बनाना शुरू किया था. Pegatron को आमतौर पर Apple के एंट्री-लेवल मॉडल्स के ऑर्डर मिलते हैं.
कैलिफ़ोर्निया स्थित ऐपल निर्माता Cupertino, वाशिंगटन और बीजिंग के बीच व्यापार युद्ध और चीन में शी जिनपिंग की ज़ीरो-कोविड नीति के कड़े फैसलों के बीच वैकल्पिक उत्पादन केंद्रों की तलाश कर रहा है. इधर, भारत खुद को चीन की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के प्रतिद्वंदी के रूप में स्थापित कर रहा है.
ये भी पढ़ें– Special FD Scheme: 999 दिन की एफडी पर 8.50 फीसदी का ब्याज! जानिए कहां मिल रहा है
चीन से बाहर प्रोडक्शन में ये है बाधा
काउंटरपॉइंट के वरिष्ठ विश्लेषक इवान लैम (Ivan Lam) का कहना है कि चीन में अब भी आईफोन के अधिकतर पार्ट बनाए जाते हैं. ऐसे में यदि असेंबलिंग के लिए कहीं बाहर केंद्र बनाए जाएंगे तो आईफोन के पार्ट्स को वहां ले जाना पड़ेगा. आईफोन प्रोडक्शन को चीन से बाहर ले जाने में यही सबसे बड़ी बाधा है.