Cancer prevention in young age: कैंसर की बीमारी किसी भी इंसान के लिए सीधा वज्रपात है. कैंसर का नाम सुनते ही लोग बेहोश हो जाते हैं. पर यह दुखद सच्चाई है कि हर साल दुनिया में कैंसर के कारण लगभग 96 लाख लोगों की मौत हो जाती है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विश्व में कैंसर मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह है. चिंता की बात यह है कि अमीर देशों के बाद अब भारत में भी कैंसर के भयावह मामले बढ़ने लगे हैं. हर साल देश में 19 से 20 लाख कैंसर के नए मामले सामने आ रहे हैं. कैंसर के कई कारण हैं लेकिन जवानी की उम्र से ही कुछ एहतियात बरती जाए तो इस बीमारी को लेकर होने वाली टेंशन से मुक्ति मिल सकती है.
cancer prevention tips in young age: कैंसर! एक ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनते ही लगता है पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है. दुनिया की कोई ऐसी बीमारी नहीं है जिसका खौफ कैंसर जैसा हो. हकीकत भी यही है कि कैंसर आज के युग के लिए सबसे घातक बीमारी है और इसे हराना चुनौती बनी हुई है. अविश्वसनीय वैज्ञानिक उपलब्धि के बावजूद आज भी हम कैंसर का फुलप्रूव इलाज ढूंढ नहीं पाए हैं. यह हमारे लिए बिडंबना है. लेकिन क्या कैंसर की बीमारी के लिए कुदरत ही जिम्मेदार है? बहुत हद तक हो सकता है लेकिन हम भी इसके लिए उतने ही जिम्मेदार हैं. आज जिस तरह से हमारा खान-पान, हमारा रहन-सहन, हमारी दिनचर्या, हमारी व्यस्तताओं की परिभाषा बदल रही है, उसका नतीजा है कैंसर के बढ़ते मामले. हम अपनी आदतों और व्यवहारों में सुधार कर बहुत हद तक कैंसर (how to prevent cancer) से बच सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले कैंसर को समझना जरूरी है.
कैंसर कैसे फैलता है
अमेरिकी कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोशिकाओं का अनियंत्रित और अव्यवस्थित विकास या फैलाव कैंसर की बीमारी है. दरअसल, कैंसर कोशिकाओं के डीएनए को क्षतिग्रस्त कर देता है. डीएनए में कोशिकाओं के काम करने और वृद्धि करने का कोड छिपा रहता है. लेकिन डीएनए के टूटने से कोशिकाएं बेलगाम हो जाती है और अनियंत्रित वृद्धि करने लगती है. यह वृद्धि ट्यूमर के रूप में दिखाई देने लगती है. हालांकि सभी तरह के ट्यूमर कैंसर वाले ट्यूमर नहीं होते है.
कैंसर के शरीर में जाने के कारण
कैंसर कोशिकाओं के डीएनए को क्षतिग्रस्त कर देता है. अब सवाल उठता है कि यह डीएनए क्षतिग्रस्त होता क्यों है. कई तरह के पर्यावरणीय कारण, तंबाकू में मौजूद केमिकल, सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें, फूड में मौजूद टॉक्सिक रसायन, रेडिएशन, संक्रामक एजेंट, अल्कोहल में मौजूद रसायन, बैंजीन, एस्बेस्टस, अर्सेनिक, बेरेलियम, निकेल जैसे कैंसर काउजिंग सब्सटांस आदि कोशिकाओं के डीएनए को क्षतिग्रस्त करने के लिए जिम्मेदार है.
तो कैंसर से कैसे बचें
कैंसर डॉट ओआरजीवेबसाइट के मुताबिक युवा उम्र से ही अगर कुछ आदतों में बदलाव कर लिया जाए तो कैंसर की आशंका बहुत कम हो जाती है.
- रेडिएशन के प्रभाव से बचे-कैंसर के लिए बहुत हद तक रेडिएशन जिम्मेदार होता है. जहां तक संभव हो सके रेडिएशन के प्रभाव में न आएं.
- स्मोकिंग, अल्कोहल से दूरी-वर्तमान में जितने भी कैंसर होते हैं, उनमें अधिकांश कैंसर के लिए स्मोक या अल्कोहल जिम्मेदार होते हैं. इसलिए दोनों से दूरी बना लें.
- वेट को मैंटेन रखे-वजन बढ़ने से कई तरह की बीमारियां लगती है. कैंसर भी इनमें से एक है. इसलिए वजन पर नियंत्रण रखें और शरीर को गतिशील बनाएं.
- सूर्य की रोशनी-धूप शरीर के लिए जरूरी है लेकिन ज्यादा धूप स्किन कैंसर का कारण बन सकती है. इसके अलावा टैनिंग सैलून कराने से बचें.
- सीमित यौन संबंध-महिलाओं में सर्विकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस यानी एचपीवी है. एचपीवी के कारण सर्विकल कैंसर होता है. यह पुरुषों में भी हो सकता है. असुरक्षित यौन संबंध और एक से अधिक पार्टनर के साथ यौन संबंध के कारण इस तरह के कैंसर का जोखिम रहता है.
- नियमित स्क्रीनिंग कराएं-महिलाओं को 25 साल के बाद ही हर एक दो साल पर सर्विकल कैंसर के लिए पेप स्मीयर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. इसी तरह कोलोन कैंसर के लिए भी कोलोनस्कोपी की जाती है. पुरुषों को 45 साल के बाद लगातार कोलोन कैंसर का टेस्ट कराना चाहिए. इस तरह के कैंसर का पता यदि शुरुआती दौर में चल जाता है तो इसका इलाज किया जा सकता है.
- वैक्सीन लगाएं-एपीवी के लिए वैक्सीन आ गई है. 9 से 11 साल की लड़कियों को यह वैक्सीन लगा देनी चाहिए. यदि 13 से 26 तक भी वैक्सीन नहीं लगी है तो भी यह लगाया जा सकता है. इसके अलावा हेपटाइटिस बी का भी टीका लगाएं.
- नियमित एक्सरसाइज-नियमित एक्सरसाइज से कई तरह की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है. एक्सरसाइज कैंसर के जोखिम को भी कम करती है.
- सही खान-पान–हेल्थलाइन के मुताबिक फूलगोभी, गाजर,बींस, बैरीज, दालचीनी, बादाम, ऑलिव ऑयल, हल्दी, साइट्रस फ्रूट, अलसी के बीज, कद्दू के बीज, टमाटर, लहसुन, ऑयली फिश आदि में एंटी-कैंसर गुण होता है. इन चीजों का सेवन करें. इसके अलावा जंक फूड और सैचुरेटेड फूड को डाइट से निकाल दें. सीजनल हरी सब्जियों का सेवन करें. प्रोसेस्ड फूड न खाएं.