Hyperthyroidism – हाइपोथायरायडिज्म एक सामान्य हेल्थ प्रॉब्लम है, जिसमें थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन नही बना पाता है. हाइपोथायरायडिज्म से बचाव करने के लिए इसके कारण और रिस्क फैक्टर्स जान लें.
Causes and Risk Factors of Hyperthyroidism : हाइपोथायरायडिज्म एक सामान्य रोग है, जिसमें थायरॉयड ग्लैंड पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन नही बना पाता है. हाइपोथायरायडिज्म का खतरा महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है, जिसका मुख्य कारण ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होते हैं. हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति को नींद की कमी और घबराहट जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. हाइपोथायरायडिज्म का पता लगाने के लिए आपको रेगुलर चेकअप का रूटीन बनाना चाहिए. अगर आप भी हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों से अपना बचाव करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए हाइपोथायरायडिज्म के मुख्य कारण और रिस्क फैक्टर्स लेकर आए हैं. आइए जानते हैं,
हाइपोथायरायडिज्म के सामान्य कारण :
ग्रेव्स डिजीज –
वेरी वेल हेल्थ डॉट कॉम के मुताबिक ग्रेव्स एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी बनाता है जिसके कारण थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है.
थायरॉइडाइटिस –
थायरॉइडाइटिस यानि थायरॉयड ग्लैंड पर सूजन आना भी हाइपोथायरायडिज्म के मुख्य कारणों में से एक है.
महिलाओं में थायरॉइडाइटिस का खतरा प्रेगनेंसी के बाद काफी हद तक बढ़ जाता है और वे हाइपोथायरायडिज्म का शिकार हो जाती हैं.
हाइपोथायरायडिज्म के अन्य कारण :
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार दवाइयों का ज्यादा सेवन करने से हाइपोथायरायडिज्म का खतरा बढ़ जाता है.
आयोडीन का ज्यादा सेवन इस्तेमाल हाइपरथायरायडिज्म को ट्रिगर कर सकता है.
हाइपोथायरायडिज्म के मुख्य रिस्क फैक्टर्स :
हाइपोथायरायडिज्म से बचाव करने के लिए इसके रिस्क फैक्टर्स को जानना बेहद जरूरी है, जिससे आप इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान कर सही इलाज ले सके. आइए जानते हैं,
– महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म का खतरा ज्यादा होता है
– ऑटोइम्यून बीमारियों से ग्रस्त होना
– परिवार में हाइपोथायरायडिज्म या थायराइड का इतिहास होना
– प्रेगनेंसी
– धूम्रपान
– आयोडीन युक्त दवाइयों का ज्यादा सेवन करना
– शरीर में विटामिन डी और सेलेनियम की कमी
– मेंटल स्ट्रेस और डिप्रेशन
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण :
– नींद की कमी
– बालों का असामान्य तौर पर झड़ना
– चक्कर आना और घबराहट महसूस होना
– दिल की धड़कन तेज होना
– भूख का बढ़ना
– हर समय बेचनी होना
– जरूरत से ज्यादा पसीना आना आदि.