डीएनए हिंदी: भारत की राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में लगातार भूकंप (Earthquake) आ रहे हैं. बीते एक हफ्ते में भूकंप के पांच-छह झटके आ चुके हैं. नेपाल में 5.4 तीव्रता का भूकंप आया तो उसके झटके दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) से लेकर आसपास के राज्यों में भी देखा गया. दिल्ली में पिछले हफ्ते पहले भी इसी तरह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. एक सरकारी रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं, जो डेंजर जोन में हैं. यही वजह है कि दिल्ली में बड़े भूकंप आने की आशंका बनी हुई है. अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में दिल्ली में भीषण तबाही मच सकती है.
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में 2 बार भूकंप के झटके आने के बाद अब राजधानी के लोगों को ये डर सता रहा है कि कहीं बड़ी तीव्रता का भूकंप ना आ जाए. इसकी एक वजह ये भी है कि जब भी नेपाल, पाकिस्तान या अफगानिस्तान में भूकंप आया है, उसके झटके दिल्ली में भी महसूस किए गए हैं. दिल्ली को जिस जोन में रखा गया है, उससे आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली में 7 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप भी आ सकते हैं. यही नहीं इससे भारी तबाही भी हो सकती है.
बड़े भूकंप को झेल नहीं पाएगी दिल्ली
भू-विज्ञान मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में बताया था कि दिल्ली में अगर छह रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता का भूकंप आता है, तो यहां बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हो सकती है. दिल्ली की आधी इमारतें इस तेज झटके को झेल पाने में सक्षम नहीं हैं. वहीं, कई इलाकों में घनी आबादी की वजह से बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती है. गौरतलब है कि नेपाल में साल 2015 में आए 7.8 के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी.
वहीं, सिस्मिक हजार्ड माइक्रोजोनेशन ऑफ दिल्ली की एक रिपोर्ट में राजधानी को तीन जोन में बांटा गया है. इसमें ज्यादा खतरे में यमुना नदी के किनारे के ज्यादातर इलाके और कुछ उत्तरी दिल्ली के इलाके शामिल हैं. सबसे ज्यादा खतरे वाले जोन में दिल्ली यूनिवर्सिटी का नॉर्थ कैंपस, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, शकरपुर, पश्चिम विहार, वजीराबाद, रिठाला, रोहिणी, जहांगीरपुरी, बवाना, करोलबाग और जनकपुरी हैं.
एयरपोर्ट और लुटियंस जोन पर खतरा
दूसरे सबसे बड़े खतरे वाले जोन में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बुराड़ी और नजफगढ़ शामिल हैं. दिल्ली का लुटियंस जोन भी हाई रिस्क वाला इलाका है, हालांकि यहां खतरा उतना नहीं है. इसमें संसद भवन, कई मंत्रालय और मंत्रियों के आवास हैं. वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, एम्स, छतरपुर, नारायणा, हौज खास सबसे सुरक्षित जोन में हैं.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में इमारतों को भूकंप रोधी और उनकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश पर 2019 में एक एक्शन प्लान भी बना था. इसके तहत दो साल में सभी ऊंची इमारतों और अगले तीन वर्ष में सभी इमारतों की ढांचागत मजबूती सुनिश्चित करने को कहा गया था, लेकिन यह काम अभी आधा भी नहीं हुआ है.