Windfall Tax: विंडफॉल टैक्स के पाक्षिक संशोधन में सरकार ने डीजल के निर्यात पर दर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 10.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर ‘रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस’ शामिल है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बुधवार को घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है जबकि डीजल के निर्यात पर टैक्स को कम कर दिया है. एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई. इसके अनुसार, सरकार के स्वामित्व वाली ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 17 नवंबर से 9,500 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,200 रुपये प्रति टन कर दिया गया है.
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वहीं, विंडफॉल टैक्स के पाक्षिक संशोधन में सरकार ने डीजल के निर्यात पर दर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 10.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर ‘रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस’ शामिल है.
जेट ईंधन पर एक्सपोर्ट टैक्स में कोई बदलाव नहीं
जेट ईंधन या एटीएफ पर निर्यात कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिसे एक नवंबर को पिछली समीक्षा में पांच रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया था. बता दें कि सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. सबसे पहले 1 जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. इसके अलावा, कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23250 रुपए प्रति टन का विंडफॉल टैक्स लगाया गया था.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी विशेष परिस्थितियों में बड़ा लाभ होता है. उदाहरण के तौर पर यूक्रेन-रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी. इससे तेल कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ था इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण क्रूड की कीमत में उछाल से ओएनजीसी जैसी कंपनियों का मुनाफा मार्च तिमाही में कई गुना बढ़ गया था. उस वक्त सरकार ने कहा था कि हमें खुशी है कि निर्यात बढ़ रहा है और कंपनियां लाभ कमा रही हैं. लेकिन नागरिकों की भलाई के लिए हमें इस प्रॉफिट में कुछ हिस्सा चाहिए.
दरअसल विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के तौर पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य कच्चे तेल उत्पादकों द्वारा कमाए जाने वाले अतिरिक्त लाभ की निगरानी करना है. इसकी दरों को हर 15 दिन में संशोधित किया जाता है.
(भाषा से इनपुट के साथ)