ग्राउंडेड जेट एयरवेज ने अपने 60 प्रतिशत कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने का फैसला किया है, जिसमें वरिष्ठ प्रबंधक भी शामिल हैं और शेष कर्मचारियों की सैलरी में अस्थाई रूप से कटौती की जा सकती है.
नई दिल्ली. लंबे समय से बंद पड़ी एयर लाइन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. ग्राउंडेड जेट एयरवेज ने अपने 60 प्रतिशत कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजने का फैसला किया है, जिसमें वरिष्ठ प्रबंधक भी शामिल हैं और शेष कर्मचारियों की सैलरी में अस्थाई रूप से कटौती की जा सकती है. सूत्रों ने 18 नवंबर को कहा कि एयरलाइन के रिवाइवल प्लान में फिर से परेशानी आ गई है.
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एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया, “यहां तक कि संजीव कपूर (जेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी) भी पर्याप्त वेतन कटौती के लिए सहमत हो गए हैं.” कपूर ने कर्मचारियों को शांत करने के लिए ट्वीट करके कहा, “किसी को नौकरी से निकाला नहीं जा रहा है.”
250 करोड़ अतिरिक्त बकाया देना मुश्किल
कंपनी का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब जेट एयरवेज के रिवाइवल की तैयारी चल रही है, लेकिन 18 नवंबर को नए मालिक जालान-कालरॉक कंसोर्टियम ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLT) को बताया कि वे कर्मचारियों के भविष्य निधि और ग्रेच्युटी बकाया का अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये का भुगतान करने में असमर्थ हैं.
इससे पहले राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण ने जेट एयरवेज के नए मालिक जालान-कलरॉक समूह को विमानन कंपनी के कर्मचारियों के बकाया भविष्य निधि और ग्रेच्युटी को चुकाने का निर्देश दिया था. कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज को अपने कब्जे में लेने की अपनी बोली का हवाला देते हुए कहा कि वह लेनदारों को 475 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं था और सभी दावों को उस राशि से निपटाना था.
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जालान-कलरॉक कंसोर्टियम के बोर्ड सदस्य अंकित जालान ने एक बयान में कहा कि पूर्व कर्मचारी जेट एयरवेज के वर्तमान कार्यबल का 60 फीसदी से ज्यादा हैं. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज ब्रांड के रिवाइवल की जबरदस्त संभवनाएं और इसके लिए जनता का समर्थन था. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के रिवाइवल से रोजगार के और मौके मिलेंगे, एयरलाइन के पूर्व कर्मचारी के अलावा कई और लोगों को नौकरियां मिलती.
सितंबर तिमाही में कंपनी को 308 करोड़ा का घाटा
वहीं, इस महीने जेट एयरवेज ने सितंबर में समाप्त तिमाही के नतीजे जारी किए थे. जिसमें कंपनी को 308.24 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ. विमानन कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 305.76 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था.
कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत जालान फ्रिट्स गठजोड़ एयरलाइन के लिए विजेता बोलीदाता के रूप में उभरा था. पिछले साल जून में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी. हालांकि, जेट एयरवेज अबतक परिचालन शुरू नहीं कर पाई है.