सूत की कीमतों में अस्थिरता की वजह से तिरुपुर, कोयम्बटूर में अगले 14 दिनों तक पावरलूम बंद ऱहेंगे. कपड़ा निर्माण संघ के नेताओं के अनुसार, तिरुपुर और कोयंबटूर में 300 से अधिक बड़ी कपड़ा निर्माण और बुनाई इकाइयां बंद हो जाएंगी.
सूत की अस्थिर कीमतों और उच्च बिजली दरों के कारण उत्पादों पर असर पड़ रहा है. तिरुपुर और कोयम्बटूर जिले के कपड़ा और फाइबर निमार्ताओं ने अपने उत्पादन को बंद करने का फैसला किया है, जिससे अगले 14 दिनों के लिए बिजली करघे बंद हो जाएंगे. कपड़ा निमार्ताओं की राय है कि अस्थिर सूत की कीमतों के अलावा, तांगेडेको द्वारा सितंबर में तय किए गए उच्च बिजली टैरिफ ने भी ग्रे फाइबर और वस्त्रों की उच्च लागत को बढ़ाया है. विनिमार्ताओं के अनुसार, उद्योग को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक उत्तर भारतीय राज्यों से वस्त्रों की खराब खरीद है.
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कपड़ा निर्माण संघ के नेताओं के अनुसार, तिरुपुर और कोयंबटूर में 300 से अधिक बड़ी कपड़ा निर्माण और बुनाई इकाइयां बंद हो जाएंगी. कपड़ा निमार्ताओं के नेता सुब्रमण्यम एम. ने आईएएनएस को बताया, फिलहाल हमने दो सप्ताह की अवधि के लिए बिजली करघे को बंद करने का फैसला किया है. हम बीच में बैठक करेंगे और तय करेंगे कि बदलाव की कोई आवश्यकता है या नहीं और फैसला करेंगे.
एसआईटीयू नेता और पावरलूम वीविंग यूनिट वर्कर्स एसोसिएशन के महासचिव (तिरुपुर) आर. मुथुस्वामी ने कहा कि बिजली करघे को बंद करने से उन श्रमिकों पर असर पड़ेगा, जो ज्यादातर 500-700 रुपये के दैनिक वेतन भोगी हैं. उन्होंने कहा कि इससे उद्योग से युवाओं का पलायन होगा.
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यह देखना होगा कि क्या राज्य कपड़ा विभाग इस मामले में हस्तक्षेप करता है और उद्योग द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुलझाता है. उद्योग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्य कपड़ा विभाग ने पहले ही कपड़ा उद्योग से बिजली दरों में बढ़ोतरी और उत्पादन को प्रभावित करने के संबंध में शिकायतें भेज दी हैं