झारखंड के धनबाद जिले के एक प्रखंड में शादी को लेकर अजब-गजब पाबंदी लगाई गई है. शादी में डांस-गाना-डीजे नहीं बजाना होगा. रात 11 बजे से पहले कर लें निकाह, नहीं माने तो लगेगा 5100 रुपये का दंड. जानिए पूरी खबर-
Unique Order: बिना-बैंड-बाजा के बारात कैसी लगेगी, इससे तो पता चलता है कि दूल्हा शादी करने जा रहा है. खासकर बाराती तो शादी में डांस करने की तैयारी भी करते हैं. धूमधाम से निकली बारात का मजा ही फीका हो जाए अगर गीत-संगीत, बैंड-बाजा ना हो, डीजे ना हो. सोचकर देखिए कि कैसी होगी बारात जिसमें धूम-धमाल ना हो. लेकिन झारखंड के धनबाद जिले में निकाह में कोई धूमधाम नहीं, आतिशबाजी नहीं, गाना-बजाना नहीं. ऐसा आदेश जारी किया गया है. जो इस आदेश को नहीं मानेगा उसे 5100 रुपये का दंड देना होगा. आदेश दो दिसंबर से लागू हो रहा है.
शादी में नाच-गाना, डीजे पर लगा प्रतिबंध
मुस्लिम मौलवियों के एक समूह ने झारखंड के धनबाद जिले के एक प्रखंड में शादियों के दौरान नाच-गाना, तेज संगीत बजाने और आतिशबाजी के प्रदर्शन जैसी गैर-इस्लामी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहा है कि इस फरमान का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
ये आदेश निरसा प्रखंड की सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर ने सोमवार को जारी किया है और कहा कि दो दिसंबर से ये पाबंदियां शुरू हो जाएंगी.
अख्तर ने कहा कि, “हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि निकाह (शादी) इस्लामी धर्म के अनुसार संपन्न होगी और इसमें कोई नृत्य, डीजे संगीत और आतिशबाजी का प्रदर्शन नहीं होगा. जो लोग आदेश का उल्लंघन करेंगे, उन पर 5,100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.”
इस्लाम में इसकी मनाही है
अख्तर ने इसके पीछे की वजह बताई कि, “इस्लाम में इस तरह की प्रथाओं की अनुमति नहीं है. इससे लोगों को असुविधा भी होती है.’ अख्तर ने कहा कि रात 11 बजे के भीतर निकाह करना है क्योंकि इसके बाद का समय शुभ नहीं माना जाता है.
“अगर कोई रात 11 बजे के बाद निकाह करने की कोशिश करता है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. नियम का उल्लंघन करने वाले को लिखित माफी भी देनी होगी.’ मौलवी ने समुदाय के सदस्यों से अपने रिश्तेदारों और हितधारकों के बीच निर्णय साझा करने की अपील की.