Maharashtra: राज्य सरकार ने एक पत्र लिखकर सभी जिला कलेक्टरों को बताया है कि जनवरी 1995 के बाद पैदा हुए सरपंच और पंचायत सदस्यों का सातवीं कक्षा पास होना जरूरी है.
औरंगाबाद. राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए 1 जनवरी, 1995 के बाद जन्म लेने वाले सभी उम्मीदवार कम से कम सातवीं कक्षा पास हों. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 25 नवंबर को ये सूचना जारी की गई है. राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि सभी चुनाव कोविड के कारण स्थगित कर दिए गए थे, इसलिए अधिकांश ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के चुनाव होने वाले हैं. इसके कारण कई जिला कलेक्टर कार्यालयों ने ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 13 पर स्पष्टीकरण मांगा था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक औरंगाबाद के जिला कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडे ने कहा कि सरकार के पत्र में साफ किया गया है कि कम से कम सातवीं कक्षा पास होने की धारा उन सभी के लिए लागू होगी, जिनका जन्म 1 जनवरी, 1995 के बाद हुआ है. एक दूसरे जिला कलेक्टर ने कहा कि यह नियम राज्य में होने वाले सभी ग्राम पंचायत और सरपंच चुनावों के दौरान मददगार होगा. बहरहाल कलेक्टरों को भेजे गए राज्य सरकार के पत्र में ‘सरपंच’ शब्द के स्थान पर ‘सदस्य’ शब्द डाला गया है. इस संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायतों के सदस्यों के पद के लिए 1 जनवरी 1995 को या उसके बाद जन्मा व्यक्ति कक्षा 7 परीक्षा पास होने पर ही आवेदन कर सकता है.
इस पत्र में उच्च न्यायालय की एक रिट याचिका (संख्या 209/2018) और अन्य याचिकाओं पर जारी आदेशों का हवाला दिया गया है. जिनमें कहा गया है कि जनता से सीधे निर्वाचित सरपंच ग्राम पंचायत का पदेन सदस्य है. इस बात को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी, 1995 को या उसके बाद जन्म लेने वाले व्यक्ति को सरपंच या सदस्य पद के लिए आम चुनाव या उपचुनाव के लिए नामांकन के लिए स्कूली शिक्षा में कम से कम 7वीं कक्षा की परीक्षा पास करने का प्रमाण पत्र या 7वीं कक्षा के समकक्ष कोई शैक्षणिक योग्यता सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित होना चाहिए. ये प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य रहेगा.