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दिल्ली/एनसीआर

MCD Election 2022: एमसीडी चुनाव से पहले हरदीप पुरी ने लॉन्च की आवास योजना, 10 लाख लोगों को होगा फायदा

अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए पीएम उदय से लगभग 50 लाख लोगों को लाभ होगा. 2 करोड़ आबादी में से 1.35 करोड़ लोग हमारी रि-डिवेलप्मेंट प्लान से लाभान्वित होंगे.” उन्होंने कहा, “अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान मिलेंगे.”

नई दिल्ली: 4 दिसंबर को होने वाले एमसीडी चुनाव से कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को एक हाउसिंग स्कीम लॉन्च की, जिससे करीब 10 लाख लोगों को फायदा होने की उम्मीद है. मीडिया को संबोधित करते हुए, मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, “10 लाख लोग इसके लाभार्थी होंगे. अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए पीएम उदय से लगभग 50 लाख लोगों को लाभ होगा. 2 करोड़ आबादी में से 1.35 करोड़ लोग हमारी रि-डिवेलप्मेंट प्लान से लाभान्वित होंगे.” उन्होंने कहा, “अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान मिलेंगे.”

उन्होंने आगे बताया, “जनगणना 2011 के मुताबिक दिल्ली की जनसंख्या 1.6 करोड़ है. अब यह लगभग 2 करोड़ नागरिकों के साथ दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला शहरी समूह है (टोक्यो के बाद दूसरा). 2041 में दिल्ली की आबादी 2.92 करोड़ हो जाने का अनुमान है. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की राजधानी होने के नाते, दिल्ली एक गतिशील बढ़ते जीव की तरह है. विभिन्न तंत्रों के माध्यम से शहरी विकास सुनिश्चित कर शहर में ‘सबका विकास’ सुनिश्चित किया जा रहा है.”

मास्टर प्लान के बारे में बात करते हुए, मंत्री ने कहा, “मास्टर प्लान 2041, जो अब अंतिम चरण में है, दिल्ली के विकास के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एक दूरदर्शी दस्तावेज बनने जा रहा है. इसमें मौजूदा कॉलोनियों और विकास, लैंड पूलिंग और हरित विकास क्षेत्र नीति के माध्यम से ग्रीनफील्ड विकास और दिल्ली में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए नीतियां होंगी.”

“शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे की रीढ़ है, इसलिए, शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने वाले सार्वजनिक परिवहन के साथ-साथ चलने की क्षमता और साइकिल चलाने के प्रावधान दिल्ली के आगामी मास्टर प्लान 2041 में प्रावधान हैं.” अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “299 जेजे क्लस्टर हैं जहां पुनर्वास की जिम्मेदारी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) पर डाल दी गई है, जो दिल्ली सरकार के अधीन आता है. दुर्भाग्य से, आज तक कोई काम नहीं किया गया है.”

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