Delhi MCD Election Result: कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार सुबह आठ बजे राजधानी के 42 मतगणना केंद्रों पर मतों की गिनती शुरू हुई और शुरुआती रुझान भाजपा के पक्ष में दिख रहे थे. एक समय भाजपा 107 सीटों पर आगे थे और आप 95 सीटों पर. जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, आप ने भाजपा को पछाड़ते हुए धीरे-धीरे बढ़त बना ली और अंत में 134 वार्ड में जीत हासिल की. भाजपा को 104 सीटें मिलीं और उसने एग्जिट पोल के पूर्वानुमान से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में बुधवार को 134 सीट जीतकर इस प्रतिष्ठित नगर निकाय पर भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया. एमसीडी के 250 वार्डों में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 104 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ नौ सीटें आईं. हालांकि, आप की इस ऐतिहासिक जीत ने पार्टी के मंत्रियों की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि उनकी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले वार्डों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र की चार में से तीन सीट बीजेपी जीत गई है. तिहाड़ जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन के विधानसभा क्षेत्र की सभी तीनों सीट पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है. ऐसे ही मंत्री कैलाश गहलोत के विधानसभा क्षेत्र नजफगढ़ में चार में से तीन सीटें आम आदमी पार्टी हार गई है. वहीं, मंत्री गोपाल राय के विधानसभा क्षेत्र में भी पार्टी को चार में से तीन में हार का सामना करना पड़ा है.
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने बुधवार को यहां भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने के लिए देश में सकारात्मक राजनीति की वकालत की. केजरीवाल ने कहा, ‘हम सभी को दिल्ली की हालत सुधारनी है और मुझे भाजपा और कांग्रेस सहित सभी के सहयोग की आवश्यकता है. हमें ऐसा करने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है, खासकर केंद्र और प्रधानमंत्री की मदद और आशीर्वाद की.’
‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि महज 10 साल पुरानी पार्टी ने देश की सबसे बड़ी पार्टी (भाजपा) को उसी के गढ़ में ‘मात’ दे दी. उन्होंने कहा, ‘परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि AAP एक कट्टर ईमानदार पार्टी है.’ सिंह ने कहा कि परिणाम इसलिए भी उल्लेखनीय हैं, क्योंकि भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए 17 केंद्रीय मंत्रियों सहित सभी शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था.
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, ’15 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद हमारा प्रदर्शन बेहतर है. हमने नगर निगमों में दिल्ली के लोगों के लिए काम किया, लेकिन शायद कुछ लोग खुश नहीं थे. हालांकि भाजपा के खिलाफ कोई गुस्सा नहीं था.’