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अब जल्द मिलेगी फ्लैट की चाबी! अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फंसे 1.72 लाख घर खरीदारों को मिली राहत

सरकार ने कहा कि 30 नवंबर, 2022 तक स्वामी के तहत 28,393 करोड़ रुपये के कुल 286 सौदों को मंजूरी दी गई है और इससे लगभग 1,72,467 होमबॉयर्स को फायदा होगा और 76,535 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अनलॉक किया जाएगा.

नई दिल्ली. देश में संकटग्रस्त आवास परियोजनाओं में फंसे 1.72 लाख घर खरीदारों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. सरकार द्वारा 30 नवंबर 2022 तक SWAMIH स्कीम के तहत 28,393 करोड़ रुपये के कुल 286 सौदों को मंजूरी दी है और इससे लगभग 1,72,467 होमबॉयर्स को फायदा होगा. ये सौदे 28,393 करोड़ रुपये के हैं.

8 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि रुकी हुई परियोजनाओं के घर खरीदारों को राहत देने के लिए और इन्हें पूरा करने के लिए एक विशेष विंडो अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग (SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड) बनाया गया है. इसमें वे सभी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं जो RERA के तहत पंजीकृत हैं.

76,535 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स होंगे अनलॉक
राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि इसमें वे हाउसिंग परियोजनाएं शामिल हैं जिन्हें गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के रूप में घोषित किया गया है या इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के समक्ष कार्यवाही लंबित है. किशोर ने कहा, “30 नवंबर, 2022 तक स्वामी के तहत 28,393 करोड़ रुपये के कुल 286 सौदों को मंजूरी दी गई है और इससे लगभग 1,72,467 होमबॉयर्स को फायदा होगा और 76,535 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अनलॉक किया जाएगा.”

किशोर ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार रियल एस्टेट परियोजनाओं का डेटा नहीं रखती है क्योंकि भूमि और उपनिवेश राज्य के विषय हैं. हालांकि, सरकार ने घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए रेरा अधिनियम बनाया है.

क्या है SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड?
SWAMIH इन्वेस्टमेंट फंड की स्थापना स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंह के तहत की गई थी. यह फंड देशभर में घर खरीददारों को उनके अटके हुए अपार्टमेंट की डिलीवरी हासिल करने में मदद करने के लिए फंसे हुए प्रोजेक्ट्स में पूंजी डालता है.

प्रधान मंत्री आवास योजना (PMAY) में कथित अनियमितताओं पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, मंत्री ने कहा कि अपात्र आवेदकों सहित पीएमएवाई-यू के कार्यान्वयन के संबंध में किसी भी शिकायत को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और शहर दोनों स्तरों पर उपलब्ध उपयुक्त शिकायत निवारण प्रणाली के माध्यम से हल किया जाता है.

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