ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) के आधार पर होती है. ऐसे में एक साल के एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 दिसंबर को रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाना शुरू कर दिया है. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) के बाद अब पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने अलग-अलग अवधि के एमसीएलआर में 25 से 30 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 से 0.30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 12 दिसंबर, 2022 से लागू हो जाएगी.
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बीएसई फाइलिंग के मुताबिक, बैंक ने एक साल की एमसीएलआर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 8.30 फीसदी कर दिया है. अभी तक यह 8.05 फीसदी थी. एक माह की एमसीएलआर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया गया है. तीन माह की एमसीएलआर को 0.30 फीसदी बढ़ाकर 8.05 फीसदी कर दिया गया है. 6 माह की एमसीएलआर 0.25 फीसदी बढ़ाकर 8.15 फीसदी और एक दिन की 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.50 फीसदी की गई है.
बढ़ जाएगी आपकी ईएमआई
एमसीएलआर में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर ईएमआई बढ़ने की उम्मीद है. ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं.
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क्या होता है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.
रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई कम करने के इरादे से 7 दिसंबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की एक और बढ़ोतरी कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया. आरबीआई ने मई के बाद लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. इस दौरान रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच चुका है.