India-China Clash in Tawang: तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में बयान दिया और कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई.
Rajnath Singh Statement on Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर संसद में विपक्षी दल हंगामा जारी है और विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से जवाब की मांग पर अड़ा है. इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में बयान दिया और कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई.
भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया: राजनाथ सिंह
तवांग में हुई झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में कहा कि 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने तवांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन कर हालात बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने PLA को मुंहतोड़ जवाब दिया और अतिक्रमण से रोक दिया. इसके साथ ही भारतीय सेना ने बहादुरी दिखाते हुए चीनी सैनिकों को उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया. उन्होंने बताया कि तवांग में हुई घटना में भारत और चीन के कुछ सैनिकों को चोटें आई हैं. हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण चीनी सैनिक अपने स्थान पर पीछे हट गए हैं.
राजनाथ सिंह का लोकसभा में बयान
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, ‘मैं इस गरिमामयी सदन को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हमारी सीमा पर 9 दिसंबर 2022 को हुई एक घटना के बारे में अवगत कराना चाहूंगा. 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से एरिया में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान हाथापाई हुई. भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारी सीमा में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई हैं, और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है.’
सेना ऐसे किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में आगे कहा, ‘माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं, कि हमारी सेनाएं हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सदैव तत्पर हैं. मुझे विश्वास है कि यह सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा. जय हिंद!’