Wednesday Mantra Jaap: बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना का दिन माना जाता है. इस दिन बप्पा की कृपा पाने के लिए विधिपूर्वक पूजा के साथ-साथ अगर मंत्रों का जाप किया जाए, तो गणपति प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
Ganesh Mantra Jaap Benefits: गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है. कहते हैं कि किसी भी काम की शुरुआत अगर गणेश जी की पूजा से की जाए, तो वे कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं इसलिए ही शुभ और मांगलिक कार्यों में पहले गणेश जी का आह्वान किया जाता है. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करने और व्रत आदि करने से बप्पा प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि किसी देवता को जल्द प्रसन्न करने के लिए पूजा के बाद उनके मंत्रों का जाप अवश्य करें. गणेश जी को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए शास्त्रों में कुछ शक्तिशाली मंत्रों के जाप के बारे में बताया गया है. इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति को दुखों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
आइए जानते हैं बुधवार के दिन किए जाने वाले मंत्रों के बारे में.
गणेश गायत्री मंत्र
‘ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।’
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से भी व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. बता दें कि इसका जाप कम से कम 108 बार किया जाता है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति लगातार 11 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र का जाप करता है तो उसका भाग्योदय होता है.
2. बिगड़े काम सुधारने के लिए गणेश मंत्र
‘’त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।।”
3. गजानंद एकाक्षर मंत्र
‘’ऊँ गं गणपतये नमः।।‘’
4. परेशानियों को दूर करने के लिए
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्’’
5. तांत्रिक गणेश मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।
इस मंत्र का जाप करने से पहले बुधवार की सुबह भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी का पूजन करें. इसके बाद कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करें. इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी दुख खत्म होते हैं. लेकिन मंत्र जाप करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि मंत्र का जाप करते समय व्यक्ति को पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )