Bone Cracking Treatment: कई बार बैठने और उठने के दौरान घुटने की हड्डियों से आवाज आती है, जिसे लोग नजरअंदाज कर जाते हैं. लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. अब जानिए कि ये क्यों होता है, लक्षण और इलाज क्या है.
Joint Pain Treatment and Symptoms: भागदौड़ भरी जिंदगी, खाने में लापरवाही, कसरत की कमी के कारण युवाओं में बीमारियां बढ़ती जा रही हैं. जो बीमारियां बुढ़ापे में होती थीं, वह अब कम उम्र में होने लगी हैं. घुटनों में दर्द जैसी समस्या के मामले युवाओं में देखने को मिल रहे हैं. लंबी दूरी की ड्राइविंग, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने या उकड़ू बैठने के दौरान ये अकसर देखने को मिलती है. कई बार बैठने और उठने के दौरान घुटने की हड्डियों से आवाज आती है, जिसे लोग नजरअंदाज कर जाते हैं. लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. अब जानिए कि ये क्यों होता है, लक्षण और इलाज क्या है.
सबसे पहले ये समझिए कि घुटनों से आवाज आने को कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला (chondromalacia of patella) कहते हैं. इसमें घुटने के अंदर की ओर के कार्टिलेज में मुलायमपन आ जाता है. इस वजह से घुटने के आगे वाले हिस्से में दर्द होता है. कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला में नीकैप जांच की हड्डी के ऊपर आ जाती और फिर घिसने लगती है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खिलाड़ियों और युवाओं में कॉन्ड्रेमलेशिया पटेला की प्रॉब्लम का होना नॉर्मल है.
इसके लक्षण क्या हैं?
- जोड़ों और घुटनों में सूजन आना
- हिलाने पर घुटनों से आवाज आना
- घुटनों के सामने या साइड वाले हिस्से में दर्द होना. ये दर्द इस हद तक भी जा सकता है कि आपको जमीन पर बैठने या सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होने लगती है.
वजह क्या है?
- मांसपेशियों में असंतुलन
- कूदने या दौड़ने की वजह से जोड़ों में तनाव
- नीकैप में ट्रॉमा
- अगर नीकैप में चोट लगी हो तो वह अपनी जगह से हट सकती है.
- क्या कर सकते हैं?
- कसरत नहीं करना, एक ही जगह पर लंबे वक्त तक बैठे रहने से भी इस समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसे में हर रोज घुटनों से संबंधित कसरत करें. जो युवा अचानक से वर्कआउट शुरू कर देते हैं, उनको भी घुटनों की समस्या से जूझना पड़ता है क्योंकि इसके लिए मांसपेशियां तैयार नहीं होतीं.
कैसे ठीक कर सकते हैं?‘
अगर आपकी कोई कार्टिलेज कमजोर है या फिर घुटने में कोई पुरानी चोट लगी है तो इस वजह से कॉन्ड्रेमलेशिया से जूझना पड़ सकता है. इस स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करें. कुछ लोगों को एमआरआई या एक्स-रे भी कराना पड़ सकता है. दर्द ज्यादा हो तो घुटने की रीप्लेसमेंट सर्जरी भी की जाती है. लेकिन ऐसा बहुत कम मामलों में होता है.
इन बातों का रखें ध्यान
ज्यादा वजन न उठाएं: घुटनों में दर्द हो तो ज्यादा वजन न उठाएं.
अच्छी डाइट लें: अच्छी डाइट लेनी जरूरी है. यानी खाने में नट्स, सब्जियों, फलों को शामिल करें. नट्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत होते हैं.
विटामिन डी लें: हर रोज 30 मिनट धूप में बैठें. हड्डियों के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है.