Corona Cases: डॉक्टर सैतोह और उनके साथियों ने कोविड से मरने वाले 11 लोगों की नाक और फेफड़ों के सैंपल की जांच की. उन्होंने पाया कि 11 में से छह शवों में कोरोना वायरस के सक्रिय अंश मौत के 13 दिन बाद भी पाए गए.
Corona Death Toll: दुनिया में एक बार फिर कोरोना को लेकर चिंता पैदा हो गई है. चीन में हालात हर रोज बद से बदतर हो रहे हैं. कई देशों में इसे देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. इस बीच वैज्ञानिकों ने हैरान करने वाला खुलासा किया है. उनका कहना है कि लोग कोरोना के कारण जॉम्बी इन्फेक्शन का शिकार हो सकते हैं. जॉम्बी इन्फेक्शन यानी वो स्थिति जब किसी बीमारी के कॉन्टैक्ट में आने के कारण स्वस्थ व्यक्ति इन्फेक्टेड हो जाता है और दूसरों में वह बीमारी आगे फैलाता है.
इन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी शख्स की कोविड के कारण मौत हो जाती है तो डेडबॉडी से भी संक्रमण फैल सकता है. नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है. जो लोग शवों का निपटान करते हैं, उसके इसकी चपेट में आने की सबसे ज्यादा संभावना है. पैथोलॉजिस्ट्स, मेडिकल एग्जामिनर्स, हेल्थ केयरवर्कर के अलावा जो भी अस्पताल या नर्सिंग होम्स में काम करता है, जहां कोविड से मौतें होती हैं, उनके लिए खतरा है. इस स्थिति में संक्रमण फैलने से मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी होगी.
एक्सपर्ट्स ऐसे परिवारों को सतर्क रहने की चेतावनी दे रहे हैं, जहां कोविड से मौत हुई है. जापान में चिबा विश्वविद्यालय के रिसर्चर हिसाको सैतोह ने कहा, ‘कुछ देशों में जिन लोगों की कोविड से मौत हुई है उनको या तो यूं ही छोड़ दिया गया या फिर घर वापस ले जाया गया.’ सैतोह ने हाल ही में इस बीमारी पर दो स्टडीज पब्लिश की हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह ऐसी जानकारी है, जिसके बारे में आम जनता को मालूम होना चाहिए.’
मरने के बाद भी एक्टिव थे वायरस के अंश
साल 2020 में जापान सरकार ने शोकाकुल परिवारों से डेडबॉडी से दूर रहने के साथ-साथ छूने और नहीं देखने को भी कहा था. शवों को बैग में सील कर 24 घंटे के भीतर जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने की सिफारिश भी की गई थी. कई स्टडीज में मौत के 17 दिन बाद तक लाशों में संक्रामक वायरस पाए गए हैं. डॉक्टर सैतोह और उनके साथियों ने कोविड से मरने वाले 11 लोगों की नाक और फेफड़ों के सैंपल की जांच की. उन्होंने पाया कि 11 में से छह शवों में कोरोना वायरस के सक्रिय अंश मौत के 13 दिन बाद भी पाए गए. वैज्ञानिकों ने कहा, लोगों में ट्रांसमिशन की संभावना सबसे अधिक तब होती है जब कोई मरीज संक्रमित होने के तुरंत बाद मर जाता है, उस वक्त शरीर में वायरस का स्तर बहुत अधिक होता है.