हर साल आयकर विभाग द्वारा तय समय सीमा के अंदर आईटीआर करना होता है। हालांकि, तारीख से चूक जाने पर करदाताओं को आईटीआर फाइल करने के लिए अन्य मौके भी मिलते हैं।
पिछले वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की आज अंतिम तारीख है। हालांकि इसके लिए आपको जुर्माना भी चुकाना होगा। क्योंकि 31 जुलाई के बाद रिटर्न भरने पर जुर्माना तय किया गया था। सरकार ने इस साल आईटीआर फाइलिंग की तय तारीखों को बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234एफ के तहत करदाता को आईटीआर में देरी के लिए 5,000 रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ता है।
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हर साल आयकर विभाग द्वारा तय समय सीमा के अंदर आईटीआर करना होता है। हालांकि, तारीख से चूक जाने पर करदाताओं को आईटीआर फाइल करने के लिए अन्य मौके भी मिलते हैं।
ऐसे करें आईटीआर फाइल
देरी से आईटीआर दाखिल करने की प्रक्रिया सामान्य आईटीआर दाखिल करने के समान ही है। हालाँकि, देरी वाले में दाखिल करने से पहले फाइलिंग शुल्क का भुगतान करना होगा, जिसका पेमेंट एनएसडीएल वेबसाइट पर ऑनलाइन चालान संख्या 280 का उपयोग करके या बैंक में जाकर किया जा सकता है। जिनकी आय सालाना पांच लाख रुपये से ज्यादा है, उनको 5,000 रुपये का विलंब शुल्क देना होता है। जिनकी कुल आय रुपये 5 लाख से 5 लाख से कम आय वालों के लिए यह चार्ज एक हजार रुपये होगा।
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31 दिसंबर के बाद क्या होगा?
जो लोग 31 दिसंबर से भी चूक जाते हैं, वे तब तक आईटीआर फाइल नहीं कर पाएंगे जब तक कि आईटी विभाग टैक्स नोटिस नहीं भेजता है। 31 दिसंबर के बाद आईटीआर फाइल करने वालों को आईटी विभाग का नोटिस मिलने के बाद दोगुना जुर्माना यानी 10,000 रुपये तक भरना पड़ सकता है। उन्हें 6 महीने से 7 साल की जेल की सजा भी हो सकती है।