Budget 2023: नौकरीपेशा इस बार आयकर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद कर रहा है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने टैक्स छूट को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीतारमण ने कहा, मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े, ताकि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.
FM Nirmala Sitharaman: साल 2023 का बजट पेश होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, टैक्स छूट की हलचल वैसे-वैसे बढ़ती जा रही है. नौकरीपेशा इस बार आयकर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद कर रहा है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने टैक्स छूट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से सात टैक्स स्लैब वाला ऑप्शनल इनकम टैक्स सिस्टम इसलिए लाया गया ताकि निम्म आय वर्ग के लोगों को टैक्स कम देना पड़े. सीतारमण ने कहा कि ओल्ड टैक्स रिजीम में हर टैक्सपेयर करीब 7-10 तरह से छूट का दावा कर सकता है.
नए सिस्टम में किसी प्रकार की छूट नहीं
ओल्ड टैक्स रिजीम में इनकम लिमिट के आधार पर आयकर की दरें 10, 20 और 30 प्रतिशत के बीच होती हैं. मंत्री ने कहा कि ओल्ड टैक्स रिजीम के साथ ही सरकार एक दूसरा सिस्टम लेकर आई है, जिसमें किसी प्रकार की छूट नहीं है, लेकिन यह सिंपल है और इसमें टैक्स कम है. सीतारमण ने कहा, ‘मुझे सात स्लैब इसलिए बनाने पड़े, ताकि कम आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.’
बजट 2020-21 में वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की
वित्त मंत्री शुक्रवार को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष गौतम चिकरमाने की किताब ‘रिफॉर्म नेशन’ के विमोचन के मौके पर बोल रही थीं. इस दौरान उन्होंने कहा, सरकार ने आम बजट 2020-21 में वैकल्पिक आयकर व्यवस्था शुरू की थी, जिसके तहत व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों के साथ कर लगाया गया. हालांकि, इस व्यवस्था में किराया भत्ता, आवास ऋण के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य कर छूट नहीं दी जाती है.
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आपको बता दें टैक्स पेयर्स सरकार से लंबे समय से आयकर छूट की सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग कर रहा है. इसके साथ ही 80सी में निवेश की लिमिट बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. यह देखने वाली बात होगी कि सरकार की तरफ से किन मांगों को माना जाता है और 1 फरवरी को बजट में ऐलान किया जा सकता है.