शराब का नशा सबसे बुरा होता है. शराब के कारण आंत का कैंसर होता है. WHO ने साफ किया है कि यूरोपीय यूनियन में इसको लेकर कई मरीजों पर अध्ययन किया गया है. इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने द लांसेट पब्लिक हेल्थ में एक बयान प्रकाशित किया है.
नई दिल्ली. शराब के सेवन से आंत के कैंसर का खतरा होता है. यह चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी की है. द लांसेट पब्लिक हेल्थ में डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया है कि अध्ययनों से पता चला है कि शराब के सेवन से 7 अलग-अलग प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. WHO ने कहा कि शराब (अल्कोहल) का कम मात्रा में सेवन भी कैंसर का कारण बन सकता है. जब शराब की खपत की बात आती है, तो ऐसी कोई सुरक्षित मात्रा नहीं है जो स्वास्थ्य को प्रभावित न करे. शराब के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने द लांसेट पब्लिक हेल्थ में एक बयान प्रकाशित किया है. इसमें कहा गया है कि एक ग्लास वाइन या एक पिंट बीयर को लेकर लोगों की धारणा चाहे जो हो. लेकिन यह समझना होगा कि पेय चाहे जो भी हो, कैंसर शुरू हो जाएगा.
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WHO ने कहा शराब पीने के कारण कम से कम 7 प्रकार के कैंसर का कारण बनता है, जिनमें सबसे आम कैंसर, जैसे आंत्र कैंसर और महिला स्तन कैंसर शामिल हैं. अधिक शराब का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि यूरोपीय क्षेत्र में सभी कैंसर के पीछे शराब पीना मुख्य कारण था. हल्के और मध्यम खपत के कारण भी कैंसर हुआ. इसमें प्रति सप्ताह शराब या बीयर की मात्रा भी आंकी गई. इसमें 1.5 लीटर से लेकर 3.5 लीटर तक साप्ताहिक खपत वाले लोग शामिल थे. इधर महिलाओं को लेकर भी अध्ययन हुआ है. इसमें बताया गया कि अधिकांश महिलाओं में स्तन कैंसर के लिए शराब को जिम्मेदार माना गया. यूरोपीय यूनियन में कैंसर मौत का एक मुख्य कारण भी है. इसमें यह पैटर्न भी देखा गया कि शराब के कारण होने वाली मौतों में से अधिकांश को कैंसर की समस्या थी.
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कम पीते हैं
WHO ने जारी चेतावनी में कहा गया है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शराब कम पीते हैं, या कभी-कभी पीते हैं. वहीं बयान में साफ किया गया है कि इस बात का कोई मौजूदा सबूत नहीं है कि शराब के कार्सिनोजेनिक प्रभाव कब ‘चालू’ होते हैं और कब ये मानव शरीर में प्रकट होते हैं. इसके अलावा, ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो यह प्रदर्शित करे कि हृदय रोगों और टाइप 2 मधुमेह पर हल्के और मध्यम शराब पीने के लाभकारी परिणाम मिलते हो. ये प्रभाव अलग-अलग उपभोक्ताओं के लिए शराब के समान स्तर से जुड़े कैंसर के जोखिम को कम नहीं करते हैं.
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इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना पीते हैं
WHO क्षेत्रीय कार्यालय में गैर-संचारी रोग प्रबंधन और शराब और अवैध दवाओं के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ कैरिना फेरेरा-बोर्गेस ने बताया कि यूरोप के लिए हम शराब के उपयोग के तथाकथित सुरक्षित स्तर के बारे में बात नहीं कर सकते. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना पीते हैं. पीने वाले के स्वास्थ्य के लिए जोखिम किसी भी मादक पेय की पहली बूंद से शुरू होता है. केवल एक चीज जो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं, वह यह है कि आप जितना अधिक पीते हैं, उतना ही अधिक हानिकारक होता है- या, दूसरे शब्दों में, जितना कम आप पीते हैं, उतना ही कम खतरा होता है.