नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 2023-24 का बजट पेश होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। हर बार की तरह इस बार भी लोगों को इससे बहुत उम्मीद है। अगर टैक्स स्लैब, GST दर जैसी चीजों को छोड़ दें तो इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें उद्योगों को बढ़ाने के लिए बजट में कई प्रोत्साहन और लाभ दिए जाते हैं। इस बार भी उद्योग जगत को बजट से कई अपेक्षाएं हैं।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को बजट 2023-24 पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इस वजह से लोगों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
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उद्योग के लिए कर प्रोत्साहन
वर्तमान समय में उद्योगों में नई तकनीक का तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा है। इस वजह से इस सेगमेंट में कर प्रोत्साहन की उम्मीद है, ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मशीन लर्निंग (एमएल), आदि जैसे नए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा, जीएसटी के भुगतान में लगने वाले ब्याज दर को भी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की उम्मीद है।
नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी (NLP)
उद्योगों में लागत को कम करने और बाधाओं से निपटने के लिए नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी (NLP) को लागू किया जा सकता है। इस पॉलिसी का उद्देश्य देश में विकास के लिए एक विश्वसनीय, मजबूत, लागत प्रभावी, तकनीकी रूप से सक्षम, एकीकृत और एकीकृत रसद पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। वर्तमान समय में रसद लागत जीडीपी का 14 प्रतिशत है, जिसे 8 से 10 फीसदी तक लाने की कोशिश है।
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श्रम संहिताओं का पालन
वित्त वर्ष 2023-24 में नए श्रम संहिताओं को अपनाने के लिए एक आसान व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। इसे जल्द लागू करने के लिए राज्य सरकारों पर जोर दिया जा सकता है। बता दें कि 2020 में संसद द्वारा चार नए श्रम संहिताओं को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, कई राज्य सरकारों ने अभी तक उन्हें अपनाया नहीं है।
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MSME सेक्टर में क्रेडिट सुविधाएं
इस बजट में MSME सेक्टर एक आसान लाइन ऑफ क्रेडिट की उम्मीद कर रहे हैं। उम्मीद है कि बजट 2023 सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना में सुधार कर सकता है, ताकि आपूर्ति श्रृंखला में चुनौतियों और भुगतान में देरी के कारण उनकी कार्यशील पूंजी पर कोई प्रभाव न पड़े। साथ ही, सरकार बजट में ई-श्रम, उद्यम, नेशनल करियर सर्विस और असीम पोर्टल्स के पूर्ण एकीकरण की भी घोषणा कर सकती है।