Ashneer grover new startup- भारतपे (BharatPe) छोड़ने के बाद अशनीर ग्रोवर ने अपना स्टार्टअप थर्ड यूनिकॉर्न (Third Unicorn) शुरू किया है. यह कंपनी क्या करेगी, इसकी ज्यादा जानकारी अभी सामने नहीं आई है. अब ग्रोवर ने अपने स्टार्टअप के लिए हायरिंग शुरू की है.
नई दिल्ली. भारत में किसी कंपनी में 5 साल काम करने के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होता है. लेकिन, भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर और शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के पहले सीजन में जज रहे अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने अपनी नई कंपनी थर्ड यूनिकॉर्न (Third Unicorn) में लगातार 5 साल काम करने वाले कर्मचारी को मर्सिडीज गाड़ी देने की घोषणा की है. अशनीर का कहना है कि ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली राशि बहुत कम होती है. यह कर्मचारी की बेइज्जती ही है.
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अशनीर ग्रोवर ने अपने नए स्टार्टअप के लिए हायरिंग भी 10 जनवरी से शुरू कर दी है. अपनी एक लिंक्डइन पोस्ट में ग्रोवर ने स्टार्टअप में पैसा लगाने के लिए निवेशकों को भी आमंत्रित किया है. ग्रोवर ने लिखा है कि जो कर्मचारी उनके स्टार्टअप में 5 साल तक टिके रहेंगे, उन्हें कंपनी की ओर से मर्सिडीज कार दी जाएगी. ग्रोवर ने भारतपे छोड़ने के बाद साल 2022 में थर्ड यूनिकॉर्न की स्थापना की थी.
आओ करें मार्केट हिलाने वाला काम
अशनीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर लिखा, ‘आओ 2023 में कुछ काम-धाम करते हैं. हम थर्ड यूनिकॉर्न में शांति से मार्केट में भूचाल लाने वाला कारोबार खड़ा कर रहे हैं. अभी तक इसमें किसी बाहरी निवेशक का पैसा नहीं लगा है और यह सुर्खियों से दूर है. इस बार हम कुछ हटकर रहे हैं. काफी हटकर.’
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कंपनी को बताया तोड़ू-फोड़ू चीज
अशनीर ग्रोवर ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट के साथ एक स्लाइड-शो भी अटैच किया है. इसमें उन्होंने थर्ड यूनिकॉर्न की एक झलक दिखाई है. ग्रोवर ने लिखा, ‘अगर आप किसी तोड़ू-फोड़ू चीज का पार्ट बनना चाहते हैं, तो यहां आप एक झलक देख सकते हैं कि हम कैसे कंपनी को खड़ा कर रहे हैं. हम क्या बना रहे हैं, यह अभी भी लाखों डॉलर का सवाल बना हुआ है.’
50 लोग होंगे टीम में
ग्रोवर ने कहा है कि थर्ड यूनिकॉर्न के लिए किसी वेंचर कैपटलिस्ट से फंडिंग नहीं ली जाएगी. ग्रोवर ने अपनी पोस्ट में लिखा कि हम सिर्फ देसी/खुद की कमाई पूंजी का इस्तेमाल करेंगे. थर्ड यूनिकॉर्न की टीम में सिर्फ 50 सदस्य ही होंगे. अशनीर ने लिखा, ‘ज्यादा से ज्यादा 50 लोगों की टीम होगी. काम-साम से ही औकात होगी. फीते तो जूते में भी होते हैं.’