यह पूछने पर कि क्या किसी फास्टैग जारी करने वाली एजेंसी के खिलाफ खराब फास्टैग के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई की गई है, एनएचएआई ने कहा, ‘ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.’
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कहा है कि उसके पास खराब हो चुके फास्टैग और राजमार्ग टोल प्लाजा पर फास्टैग के काम नहीं करने की स्थिति में वाहन चालकों से वसूले गए जुर्माने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. अगर किसी वाहन चालक के पास फास्टैग नहीं है या काम नहीं कर रहा है, तो इस स्थिति में टोल प्लाजा पर दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है.
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार 31 अक्टूबर, 2022 तक छह करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किए जा चुके हैं. हालांकि, प्राधिकरण के पास खराब हो चुके फास्टैग के मामलों की संख्या और फास्टैग होने के बावजूद उपयोगकर्ताओं से वसूले गए जुर्माने की कुल राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
इस संबंध में सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में एनएचएआई ने कहा, ‘ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.’
आरटीआई कानून के तहत पीटीआई-भाषा के एक आवेदन के जवाब में प्राधिकरण ने कहा, ’31 अक्टूबर 2022 तक कुल 60,277,364 फास्टैग जारी किए गए हैं.’
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सरकार ने 16 फरवरी, 2021 से सभी निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया है.
यह पूछने पर कि क्या किसी फास्टैग जारी करने वाली एजेंसी के खिलाफ खराब फास्टैग के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई की गई है, एनएचएआई ने कहा, ‘ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.’
आरटीआई के जवाब में कहा गया, ‘एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार एनएचएआई शुल्क प्लाजा पर 16 फरवरी 2021 से 16 अप्रैल 2022 तक फास्टैग के जरिए कुल टोल संग्रह 39,118.15 करोड़ रुपये है.’