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RBI ने बैंकों के अधिग्रहण से जुड़े नियमों में बदलाव क‍िया, अब करना होगा यह काम

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Banking: दिशानिर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो अधिग्रहण करना चाहता है और जिसके परिणामस्वरूप संबद्ध बैंक में प्रमुख शेयरहोल्‍ड‍िंग होने की संभावना है, उसे एक आवेदन जमा करके रिजर्व बैंक की पूर्व-स्वीकृति लेनी होगी.

Reserve Bank of India: रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने बैंकों के अधिग्रहण और शेयरहोल्‍ड‍िंग से जुड़े नियमों में बदलाव किये. इन बदलाव का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बैंकों का स्वामित्व एवं नियंत्रण विभिन्न हाथों में बना रहे और बड़े शेयरधारक लगातार ‘उपयुक्त’ बने रहें. र‍िजर्व बैंक ने बारे में मास्टर दिशानिर्देश (बैंकिंग कंपनियों में शेयरों का अधिग्रहण और होल्डिंग या वोटिंग अधिकार) निर्देश, 2023 जारी किया है. इसमें कहा गया है क‍ि ये निर्देश यह सुनिश्चित करने के लिये जारी किए गए हैं क‍ि बैंकिंग कंपनियों का अंतिम स्वामित्व और नियंत्रण अच्छी तरह विविध रूप में हो और बैंक यून‍िट के प्रमुख शेयरधारक लगातार आधार पर उपयुक्त बने रहें.

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RBI से नये सिरे से अनुमोदन प्राप्त करने की जरूरत
मास्टर दिशानिर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो अधिग्रहण करना चाहता है और जिसके परिणामस्वरूप संबद्ध बैंक में प्रमुख शेयरहोल्‍ड‍िंग होने की संभावना है, उसे एक आवेदन जमा करके रिजर्व बैंक की पूर्व-स्वीकृति लेनी होगी. इसमें कहा गया है कि इस संदर्भ में आरबीआई का जो भी फैसला होगा वह आवेदक और संबंधित बैंक इकाई पर बाध्यकारी होगा. निर्देश के अनुसार इस तरह के अधिग्रहण के बाद यदि किसी भी समय कुल ‘होल्डिंग’ 5 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो व्यक्ति अगर फिर से कुल हिस्सेदारी को चुकता शेयर पूंजी का 5 प्रतिशत या उससे ज्‍यादा तक बढ़ाना चाहता है, उसे आरबीआई से नये सिरे से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता होगी.

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आरबीआई ने कहा कि मालिकाना हक या किसी व्यक्ति की तरफ से बड़े शेयरधारक का चुकता शेयर पूंजी का 10 प्रतिशत या उससे अधिक के अधिग्रहण के बारे में सूचना प्राप्त करने को लेकर बैंक इकाइयों से व्यवस्था बनाने को कहा गया है. साथ ही, बैंक इकाई को यह सुनिश्चित करने के लिये एक सतत निगरानी व्यवस्था स्थापित करनी होगा कि एक प्रमुख शेयरधारक ने शेयरधारिता/वोटिंग अधिकारों को लेकर रिजर्व बैंक की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली है. (Input : PTI)

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