अडाणी समूह के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई जिसकी वजह से सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 4.17 लाख करोड़ रुपये घट गया.
नई दिल्ली: अडाणी समूह के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट आई जिसकी वजह से सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 4.17 लाख करोड़ रुपये घट गया. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के समूह पर कई आरोप लगाने के बाद यह लगातार दूसरा कारोबारी दिन है जब उसकी कंपनियों के शेयर टूटे हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई. बीएसई पर अडाणी टोटल गैस के शेयर 20 फीसदी टूटे, अडाणी ट्रांसमिशन के 19.99 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी के 19.99 फीसदी और अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 18.52 फीसदी की गिरावट आई है.
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वहीं, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 16.03 फीसदी गिरे, अडाणी विल्मर के पांच फीसदी और अडाणी पॉवर के शेयर में भी पांच फीसदी की गिरावट आई. अंबुजा सीमेंट्स के शेयर 17.16 फीसदी टूटे और एसीसी के शेयर में 13.04 फीसदी की गिरावट आई. दो दिन के भीतर, अडाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन (एमकैप) 4,17,824.79 करोड़ रुपये घट गया है.
अडाणी टोटल गैस का बाजार मूल्यांकन 1,04,580.93 करोड़ रुपये घटा, वहीं अडाणी ट्रांसमिशन का एमकैप 83,265.95 करोड़ रुपये कम हो गया. अडाणी एंटरप्राइजेज के बाजार मूल्यांकन में 77,588.47 करोड़ रुपये की गिरावट आई वहीं अडाणी ग्रीन एनर्जी ने 67,962.91 करोड़ रुपये तथा अडाणी पोर्ट्स ने 35,048.25 करोड़ रुपये गंवाए.
अंबुजा सीमेंट्स का बाजार मूल्यांकन 23,311.47 करोड़ रुपये घट गया, अडाणी पॉवर का 10,317.31 करोड़ रुपये, एसीसी का 8,490.8 करोड़ रुपये और अडाणी विल्मर के बाजार मूल्यांकन में 7,258.7 करोड़ रुपये की गिरावट आई. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट की वजह एशिया के सबसे अमीर प्रवर्तक समूह की कंपनियों के बारे में आई नकारात्मक शोध रिपोर्ट है.’’
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अडाणी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘बिना सोचे-विचारे’ काम करने के लिये अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है. वहीं अमरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है.
कंपनी के विधि मामलों के प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की. इससे अडाणी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिये जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है.’’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं, बल्कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गयी थीं.
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जलुंधवाला ने कहा, ‘‘एक विदेशी इकाई ने जानबूझकर और बिना सोचे-विचारे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है. उसने अडाणी समूह, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ हमारी प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर गौर कर रहे हैं.’’ इससे पहले बुधवार को अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा था कि उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडाणी समूह दशकों से ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.