Adani Enterprises Share: अडानी ग्रुप (Adani Group) के प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाने के टेंडर को यूपी में रद्द कर दिया गया है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गिर रहे हैं.
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Adani Group Tender: हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर गिर गए हैं. विपक्ष भी लगातार सरकार से सवाल पूछ रहा है. इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अडानी ग्रुप को झटका दिया है. यूपी में प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) लगाने का जो ठेका अडानी ग्रुप को दिया गया था, उसे अब रद्द कर दिया गया है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी ग्रुप को मिले टेंडर को निरस्त करने का आदेश दिया है. जानकारी के मुताबिक, यूपी में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका करीब 25 हजार करोड़ रुपये का था. राज्यभर में ढाई करोड़ मीटर लगाने की योजना है. हालांकि, इससे फौरी तौर पर बिजली की कीमतों को लेकर स्मार्ट मीटर नहीं लगने से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है.
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अडानी ग्रुप का टेंडर रद्द
बता दें कि कि सिर्फ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका 5400 करोड़ रुपये का था, जिसकी लागत अब 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा आ रही थी. इसी के चलते टेंडर को रद्द कर दिया गया. स्मार्ट मीटर की दर स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन के मुताबिक 6000 रुपये तक है. रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से ये दरें तय की गई हैं. हालांकि, अब पूर्वांचल, पश्चिमांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के अन्य ठेकों पर भी तलवार लटकी हुई है.
इस वजह से रद्द हुआ ठेका
जान लें कि निश्चित लागत से 40-45 फीसदी ज्यादा रेट को देखते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अडानी ग्रुप के स्मार्ट प्रीपेड मीटर का ठेका निरस्त करने का आदेश दिया है. बता दें कि यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड के पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में भी कुछ ऐसे ही ठेके दिए गए हैं. हालांकि, ठेके को निरस्त करने पर फाइनल फैसला सेंट्रल स्टोर परचेज कमेटी ही लेगी. अपने क्षेत्र में 70 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खरीद की डील मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने की था. करीब 5400 करोड़ रुपये इन स्मार्ट मीटर की लागत थी.
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क्यों लग रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर?
उल्लेखनीय है कि बिजली चोरी होने की सभी संभावनाओं को खत्म करने के खातिर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर पुराने मीटरों की जगह लगाने का आदेश जारी किया था. बिजली की दरें भी इस साल 15 से 23 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रपोजल दिया गया है. हालांकि, इन प्रस्तावों को अभी मंजूरी नहीं दी गई है.