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अडानी पावर में 6 कंपनियों का होगा विलय, NCLT ने दी मंजूरी, शेयर 5 फीसदी लुढ़के

अडानी पावर (Adani Power) में उसकी 6 सब्सिडियरीज के विलय का रास्‍ता साफ हो गया है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल ने इसकी मंजूरी दे दी है. विलय की मंजूरी का कोई सकारात्‍मक असर अडानी पावर के शेयरों (Adani Power Share) पर नहीं हुआ है. शेयर आज भी गिरे हैं.

नई दिल्‍ली. अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर (Adani power) को लेकर नेशलन कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बड़ा फैसला दिया है. एनसीएलटी ने अडानी पावर में उसकी 6 सब्सिडियरी कंपनियों के विलय की योजना को मंजूरी दे दी है. अडानी पावर ने गुरुवार को शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी. अडानी पावर महाराष्ट्र, अडानी पावर राजस्थान, उडुपी पावर कॉरपोरेशन, रायपुर एनर्जेन, रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन और अडानी पावर (मुंद्रा) के अडानी पावर के साथ विलय की इजाजत दी गई है. पिछले साल दिसंबर में ही कंपनी के सिक्योर्ड क्रेडिटर्स ने विलय की योजना को मंजूरी दी थी.

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अडानी पावर में विलय की खबर आने के बाद भी अडानी पावर के शेयर नहीं संभले हैं. हिंडनबर्ग विवाद के बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. कल गिरावट के साथ बंद हुआ अडानी पावर का स्‍टॉक (Adani power Share Price) आज भी 4.98 फीसदी लुढ़क गया. समाचार लिखे जाने तक यह 164.20 रुपये पर कारोबार कर रहा था. अडानी पावर शेयर का 52वीक हाई 432.50 रुपये है. वहीं, 52 सप्‍ताह का इसका निम्‍नतम स्‍तर 106.10 रुपये है.

क्या है एकीकरण योजना
कंपनी ने शेयर बाजारों को जानकारी दी है कि एनसीएलटी की अहमदाबाद ब्रांच ने उसकी 6 पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी के अडानी पावर लिमिटेड के साथ एकीकरण की योजना ( Scheme of Amalgamation) को मंजूरी दे दी है. योजना में शामिल 6 कंपनियां अडानी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड, अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड, उडूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, रायपुर एनर्जेन, रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन और अडानी पावर मुंद्रा शामिल हैं.

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समय से पहले लोन चुकाएगा अडानी ग्रुप
cnbcTV18 हिन्‍दी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप ने अगले महीने बकाया 500 मिलियन डॉलर के ब्रिज लोन का प्री-पेमेंट करने का फैसला लिया है. दरअसल, कुछ बैंकों ने शॉर्ट सेलर रिपोर्ट के बाद लोन को रिफाइनेंस करने से मना कर दिया है. बार्कलेज, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और डॉयचे बैंक, उन बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने पिछले साल Holcim की सीमेंट संपत्ति को खरीदने के लिए अडानी को 4.5 बिलियन डॉलर का लोन दिया था. उस लोन का एक हिस्सा 9 मार्च को देय है.

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट प्रकाशित होने से एक हफ्ते पहले तक ऋणदाता लोन को रिफाइनेंस करने के लिए बातचीत कर रहे थे. लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से बैंकों ने अपने रिफाइनेंस करने वाले फैसले को वापस ले लिया.

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