Mahashivratri 2023 Date: विवाह योग्य जिन युवक और युवतियों का रिश्ता नहीं पक्का हो पा रहा है, उन सभी को शिवरात्रि में महादेव का पूजन करना चाहिए. वैसे विवाह की कामना लेकर युवतियों को 16 सोमवार के व्रत रखने चाहिए.
Mahashivratri 2023 Date: देवों के देव महादेव की आराधना भला कौन नहीं करता है. भोलेनाथ अपने सभी भक्तों को समान रूप से आशीर्वाद देकर उसकी इच्छा को पूरा करते हैं. भले ही वह सामान्य मानव हो या देव, दानव अथवा राक्षस. पुराणों में ऐसी कई कथाएं वर्णित हैं, जिनसे पता चलता है कि कैसे सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी, पालनहार श्री विष्णु, श्रीराम और श्रीकृष्ण ने संकट निवारण के लिए भोलेशंकर की उपासना की. इतना ही नहीं, भोलेनाथ ने भस्मासुर जैसे दानव और रावण जैसे राक्षस को भी इच्छित वरदान दिया. महादेव की पूजा-अर्चना करने से शादी होने में आ रही बाधा दूर होने से लेकर, आर्थिक समस्याओं, कालसर्प दोष और महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए पूजा पाठ करती है. तो आइए जानते है ऐसे ही कुछ उपायों को जिनके द्वारा महादेव को प्रसन्न करके हम संकटों से मुक्ति पाने का मार्ग खोज सकते हैं.
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भगवान शिव की उपासना करने के लिए खास तिथियों में शिवरात्रि और श्रावण मास को बताया गया है. इन विशेष तिथियों पर पूजा करने पर वह हमारी मनोकामना को पूरा करते हैं.
विवाह की बाधा
विवाह योग्य जिन युवक और युवतियों का रिश्ता नहीं पक्का हो पा रहा है, उन सभी को शिवरात्रि में महादेव का पूजन करना चाहिए. वैसे विवाह की कामना लेकर युवतियों को 16 सोमवार के व्रत रखने चाहिए. व्रत के दिन प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग को दुग्ध स्नान कराने के पश्चात, जल से स्नान कराएं. तत्पश्चात धतूरा, भांग, फूल, फल और मिष्ठान चढ़ाकर भोले बाबा से अच्छे वर की कामना करनी चाहिए.
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जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, वह महाकाल रूद्र की आराधना करें तो कालसर्प दोष से स्वतः ही मुक्ति मिल जाती है. महाशिवरात्रि तथा श्रावण मास काल सर्प दोष शांति का सर्वश्रेष्ठ समय है. घर की नकारात्मकता को दूर करने के लिए भगवान शिव की आराधना करने से लाभ मिलता है. शिवरात्रि के दिन जो महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिवजी की आराधना करती हैं, उनके सुहाग की रक्षा स्वयं शिव जी करते हैं.