Digital Lending App And RBI FAQ: ऐप के जरिए कर्ज देने वाली कंपनियों के खिलाफ ग्राहकों की मिल रही शिकायतों के बीच RBI ने FAQ के रुप में गाइडलाइन जारी की है। जिसमें एजेंटों के जरिए ग्राहकों को परेशान करना अब आसान नहीं होगा। आरबीआई ने साफ तौर पर कहा है कि अगर कोई ग्राहक लोन चुकाने में डिफॉल्ट करता है तो ग्राहकों को एजेंट के बारे में जरूरी जानकारी पहले से देनी होगी। साथ ही अब ग्राहक को लोन देते वक्त ही कंपनी को एजेंट के बारे में जरूरी जानकारी देनी होगी। असल में कोरोना काल में खास तौर से लोन देने वाली ऐप कंपनियों के रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायतें आई थी। इसमें कई मामलों में कर्ज लेने वाले ग्राहकों ने आत्महत्या तक कर ली थी। ऐसे मामले काफी तेजी से बढ़े थे, जिसकी वजह से आरबीआई से नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की जा रही थी।
ये भी पढ़ें–लोन किस्त भुगतान में देरी पर लगने वाले जुर्माने में मिलेगी राहत, सरकार जारी करेगी गाइडलाइन
ग्राहक को देनी होगी ये जानकारियां
आरबीआई ने कहा है कि डिजिटल लेंडिंग ऐप के जरिए कर्ज देने वाली कंपनियों को लोन स्वीकृत करते समय ही, ग्राहक को रिकवरी एजेंट के बारे में जानकारी देनी होगी। यही नहीं अगर कोई ग्राहक लोन नहीं चुका पा रहा है, और उसकी वसूली के लिए रिकवरी एजेंट को जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसकी जानकारी ग्राहक को पहले ही SMS या ई-मेल के जरिए देनी होगी। ग्राहक को यह जानकारी रिकवरी एजेंट के उससे संपर्क में आने से पहले देना जरूरी होगा।
ये भी पढ़ें–Income Tax: अरे! नई टैक्स व्यवस्था में है ऐसा खेल, ये लोग उठा पाएंगे तगड़ा फायदा
इसके अलावा नए नियम के तहत सभी तरह के लोन डिस्बर्सल और रीपेमेंट, लोन लेने वाले ग्राहक के बैंक अकाउंट और बैंक या NBFCs के बीच होनी जरूरी होगा। और इस लेन-देन में लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर या किसी थर्ड पार्टी का कोई पूल या दूसरा अकाउंट शामिल नहीं होगा। इसके अलावा ऐसे लेंडिंग सर्विस प्रोवाइडर जो ग्राहकों से सीधे संपर्क करेंगे, उन्हें एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी।
ये भी पढ़ें–भारत की रुपये में ट्रेड की योजना को लगा ‘ग्रहण’, कैसे भारी पड़ रहा रूस से सस्ते तेल का आयात?
आरबीआई ने यह भी कहा है कि क्रेडिट कार्ड के जरिए EMI चुकाने वाले ग्राहक इस नियम के दायरे में नहीं आएंगे। उसके लिए पहले से ही अलग नियम और शर्तें तय हैं।