पिछले साल और इस साल के शुरुआती महीने में बड़े स्तर पर छंटनियां देखने को मिली. हालांकि, अब ये बवंडर थमता नजर आ रहा है. खासतौर पर फ्रेशर्स और कम अनुभवी लोगों के लिए अगले 6 महीने नौकरियों के लिहाज से काफी बेहतर दिख रहे हैं.
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नई दिल्ली. छंटनियों के काले बादल के बाद अब नौकरियों में एक बार फिर बहार का मौसम देखने को मिलने की उम्मीद है. एक हालिया सर्वे में सामने आया है कि 92 फीसदी नियोक्ता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 2023 की पहली छमाही में अच्छी भर्तियां होंगी. सर्वे में शामिल केवल 4 फीसदी लोगों ने छंटनियों या श्रम बल घटाने की बात कही. सबसे ज्यादा भर्तियां भी वहीं होंगी जहां हाल ही में सर्वाधिक छंटनियां देखी गई हैं. यानी नौकरियों के सर्वाधिक अवसर आईटी क्षेत्र में ही बनने वाले हैं.
हालांकि, ये समय अनुभवी पेशवरों के लिए ठीक नहीं रहने वाला है. 20 फीसदी नियोक्ताओं का मानना है कि सबसे ज्यादा छंटनियां इन्हीं लोगों की होने वाली हैं. वहीं, फ्रेशर्स पर छंटनियों का असर अब सबसे कम होगा. इस सर्वे में 10 बड़े उद्योग क्षेत्र के 1400 नियोक्ताओं ने भाग लिया था. कर्मचारी अपनी मर्जी से भी सबसे अधिक नौकरियां आईटी सेक्टर में ही छोड़ने वाले हैं. इस साल इंक्रीमेंट का मौहाल अच्छा दिख रहा है. सर्वे के अनुसार, 22 फीसदी कंपनियां 10-15 फीसदी का इंक्रीमेंट करने जा रही हैं.
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कहां होगी सबसे ज्यादा हायरिंग
सबसे अधिक भर्तियां लगभग 23 फीसदी, आईटी सेक्टर में होने वाली हैं. इसके बाद बिजनेस डेवलपमेंट में 16 फीसदी, मार्केटिंग में 14 फीसदी, एचआर और एडमिनस्ट्रेशन में 11 फीसदी, ऑपरेशंस और सप्लाई चेन में 10 फीसदी, अकाउंट्स और फाइनेंस में 10 फीसदी व एनालिटिक्स में 6 फीसदी कंपनियां हायरिंग करने वाली हैं.
किनकी होगी सर्वाधिक हायरिंग
26 फीसदी कंपनियां 3-5 साल के कामकाजी अनुभव वाले लोगों को भर्ती करने की योजना बना रही हैं. इसके बाद 22 फीसदी कंपनियां 5-8 साल के अनुभव वालों को भर्ती करेंगी. 19 फीसदी कंपनियां 1-3 साल अनुभव वाले कर्मचारियों को हायर करेंगी. 8-12 साल वालों को 14 फीसदी और 0-1 साल तक के अनुभव वालों को 11 फीसदी कंपनियां हायर करने की योजना बना रही हैं. सबसे कम यानी केवल 8 फीसदी कंपनियां 12 साल से अधिक के अनुभव वालों को हायर करेंगी.
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खतरे में कौन
12 साल से अधिक के अनुभव वालों को 20 फीसदी कंपनियां बाहर कर सकती हैं. इसके बाद 17-17 फीसदी कंपनियां 8-12 और 5-8 साल के अनुभव वाले लोगों की छंटनियां करेंगी. 3-5 व 1-3 साल के अनुभव वालों को 15-15 फीसदी कंपनियां बाहर कर सकती हैं. 0-1 साल के अनुभव वाले लोग 16 फीसदी कंपनियों के टारगेट पर हैं.