ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का पूरा फोकस बिग बैश लीग पर है, जिसने टेस्ट सीरीज से पहले भारत में कोई प्रैक्टिस मैच नहीं खेला और स्पिन के खिलाफ हमारे बल्लेबाजों की तैयारी बिल्कुल नहीं है.
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भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले दो टेस्ट में बुरी तरह से पिटी नजर आ रही है. वह नागपुर और दिल्ली में टेस्ट मैच हार गई और दोनों ही टेस्ट तीसरे ही दिन अपने अंजाम पर पहुंच गए. ऑस्ट्रेलिया इस बार जब भारत दौरे पर आई थी, तो उसने यहां प्रैक्टिस मैच खेलने से इनकार कर दिया था. लेकिन अब उसके पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क (Michael Clarke) टीम की इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इतनी अहम टेस्ट सीरीज से पहले उनकी परिस्थितियों को समझने के लिए प्रैक्टिस मैच से बेहतर कोई विकल्प नहीं था लेकिन टीम मैनेजमेंट और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इसे जरूरी नहीं समझा. उन्होंने अपने बोर्ड की टी20 लीग बिग बैश लीग पर गुस्सा निकाला. उन्होंने कहा कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का असली फोकस तो बिग बैश लीग ही है.
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क्लार्क सोमवार को ‘बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट’ पर थे और उन्होंने 4 टेस्ट की सीरीज में 2-0 से पिछड़ चुकी कंगारू टीम को जमकर आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा, ‘जो मैं देख रहा हूं उसके देखकर मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं क्योंकि वहां हमने कोई टूर गेम (प्रैक्टिस मैच) ही नहीं खेला. यह बड़ी, बड़ी और बहुत बड़ी गलती है क्योंकि उन परिस्थितियों को समझने के लिए वहां कम से कम एक अभ्यास मैच तो खेलना ही चाहिए था.’
इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘पहले टेस्ट में टीम सिलेक्शन भी बहुत खराब था. दूसरे टेस्ट मैच में स्वीप शॉट पर रोक लगानी चाहिए थी क्योंकि हम पहले टेस्ट मैच में पर्याप्त रूप से इसका अंजाम देख चुके थे. जब आप अपनी पारी की शुरुआत करते हैं तो वहां उन परिस्थितियों में स्वीप करना सही विकल्प नहीं है और वहां स्पिन के खिलाफ पारी की शुरुआत में रिवर्स स्वीप करने के लिए कभी भी परिस्थितियां सहीं नहीं होंगी.’
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क्लार्क ने कहा, ‘इसका कोई मतलब नहीं है कि वहां आपके पास कितना बड़ा सपॉर्ट स्टाफ है. आप ऑस्ट्रेलिया के लिए खेल रहे हैं और बतौर बल्लेबाज उच्चतम स्तर पर हैं और आपको अपने शॉट्स पर जोखिम और इनाम का कैल्कुलेशन करना आना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘स्पिन बॉलिंग के खिलाफ आपकी एक ही रणनीति होनी चाहिए कि आप सीधे बैट से खेलेंगे और स्पिन के साथ (विद द स्पिन शॉट खेलना) खेलेंगे. जिस ढंग से ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी की इसका मतलब है कि आपने भारतीय बल्लेबाजों से कुछ सीखा ही नहीं. क्योंकि ये खिलाड़ी इन परिस्थितियों को सबसे बेहतर समझते हैं और आपने इनसे सीखा क्यों नहीं.’
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41 वर्षीय इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘एक वक्त ऑस्ट्रेलिया दिल्ली टेस्ट में जीत की ओर जाती दिख रही थी. पहली पारी में मामूली ही सही लेकिन उसके पास 1 रन की बढ़त थी. और अपनी दूसरी पारी में वह 1 विकेट खोकर 60 रन बना चुका था. अगर हम वहां 200 या इससे कुछ ज्यादा रन बना लेते तो हम वहां जीत सकते थे. लेकिन हम चूक कर गए.’