All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

6 तरह की छूट ले सकते हैं New Tax Regime में, रिटर्न भरते समय रखें ध्यान, समझें टैक्स सेविंग का फंडा

Income Tax Exemptions : टैक्सपेयर्स के लिए ये जरूरी है कि नई या पुरानी टैक्स रिजीम का चयन करने से पहले उन्हें छूटों के बारे में भी पता होना चाहिए. हम आपको नई व्यवस्था (साथ ही पुरानी व्यवस्था) के तहत मिलने वाली छूटों के बारे में बता रहे हैं.

ये भी पढ़ें- इन 5 बैंकों में जमा अपना पैसा नहीं निकाल पाएंगे ग्राहक, आरबीआई ने लगाई रोक, आपका बैंक तो नहीं इनमें शामिल

Income Tax Exemptions : नई टैक्स रिजीम को टैक्सपेयर्स के लिए एक सरल और कम-बोझिल बनाया गया है. बजट 2023 पेश होने के बाद अब नई टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट व्यवस्था होगी. इसका मतलब यह है कि अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम का चयन नहीं करते हैं, तो फिर अपने आप नई टैक्स रिजीम के हिसाब से आपके इनकम टैक्स की कैलकुलेशन की जाएगी. यानी, इस प्रणाली के तहत दरें और नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक कि आप स्पष्ट रूप से पुरानी व्यवस्था को नहीं चुनते हैं, जो कई तरह की छूट देती है. हालांकि नई टैक्स प्रणाली में स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा भी कई छूट शामिल है.

टैक्सपेयर्स के लिए ये जरूरी है कि नई या पुरानी टैक्स रिजीम का चयन करने से पहले उन्हें छूटों के बारे में भी पता होना चाहिए. हम आपको नई व्यवस्था (साथ ही पुरानी व्यवस्था) के तहत मिलने वाली छूटों के बारे में बता रहे हैं.

1. 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन
स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए एक टैक्सपेयर 50,000 रुपये तक का दावा कर सकता है, जबकि 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक की आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 52,500 रुपये का लाभ होता है. नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. नई टैक्स में बचत योजनाओं में निवेश करने पर कोई छूट नहीं है, लेकिन इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन को मिलाकर 7.5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं है. वहीं, पुरानी टैक्स रिजीम में आपको 5 लाख रुपये से अधिक की आय पर ही टैक्स भरना पड़ेगा.

2. कर्मचारियों के NPS में नियोक्ताओं का योगदान
एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान के मामले में, एक कर्मचारी आयकर कानूनों के तहत कर कटौती का दावा कर सकता है. धारा 80CCD(2) के तहत दावा की जा सकने वाली अधिकतम कटौती वेतन (बेसिक + डीए) का 10% है. यह कर कटौती 1.5 लाख रुपये की धारा 80सी कटौती और 50,000 रुपये की धारा 80सीसीडी (1बी) के अतिरिक्त है. हालांकि, कर्मचारी द्वारा धारा 80सीसीडी(1) के तहत किए गए योगदान को धारा 80सी के साथ जोड़ा जाता है. इसलिए, एक कर्मचारी द्वारा एक वित्तीय वर्ष में एनपीएस योगदान सहित धारा 80 सी के तहत कटौती की कुल राशि 1.5 लाख रुपये की सीमा से अधिक नहीं होगी.

ये भी पढ़ें-  Train Cancelled today: आज भी नहीं चलेंगी 442 रेलगाड़ियां, घर से ट्रेन स्‍टेटस चेक करके निकलेंगे तो रहेंगे फायदे में

3. सरचार्ज घटाकर 25 फीसदी किया
पर्सनल इनकम टैक्स के संबंध में वित्त मंत्रालय ने 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय के लिए नई टैक्स रिजीम में हाईएस्ट सरचार्ज दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है. इससे हाईएस्ट टैक्स रेट वर्तमान 42.74 प्रतिशत से घटकर 39 प्रतिशत पर आ जाएगी. वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि ओल्ड टैक्स रिजीम का चुनाव करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए सरचार्ज में किसी तरह के परिवर्तन का लाभ नहीं मिलेगा.

4. लीव इनकैशमेंट
बजट 2023 में गवर्नमेंट सैलरीड क्लास के अनुरूप प्राइवेट सैलरीड इंप्लॉयी की रिटायरमेंट पर 25 लाख रुपये के लीव इनकैशमेंट पर टैक्स छूट की लिमिट बढ़ा दी गई है. वर्तमान में अधिकतम राशि जिस पर छूट प्रदान की जा सकती है, 3 लाख रुपये है. बजट 2023 में वित्त मंत्रालय ने नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट रखा है.

5. किराये की आय पर मानक कटौती
यदि आप एक ऐसी संपत्ति के मालिक हैं जिसे आपने किराए पर दिया है, तो आप अपनी किराए पर दी गई संपत्ति के वार्षिक मूल्य के 30 प्रतिशत की मानक कटौती का दावा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-  ESIC के तहत कर्मचारियों को क्या फायदे मिलते हैं, जानिए किस तरह के श्रमिक उठा सकते हैं लाभ

6. पीपीएफ या सुकन्या समृद्धि योजना परिपक्वता आय
आपको सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए निवेश से परिपक्वता आय पर कर का भुगतान नहीं करना होगा. हालांकि, नए रिजीम के तहत, इन खातों में किए गए निवेश धारा 80सी कटौती के लिए 1.5 लाख रुपये तक के योग्य नहीं होंगे.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top