ELSS Fund: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आती जा रही है. वहीं अगर पुराने टैक्स रिजीम से इनकम टैक्स दाखिल किया जाएगा तो टैक्स बचाने के लिए कुछ इंवेस्टमेंट भी दिखाने होंगे. इन इंवेस्टमेंट के जरिए टैक्स बचाया जा सकता है. वहीं आज हम इनकम टैक्स की धार 80C के तहत टैक्स सेविंग के बारे में बताने वाले हैं.
ये भी पढ़ें–PAN Card: 31 मार्च तक किसी भी हालत में कर लें पैन कार्ड से जुड़ा ये काम, वरना होने वाली है ये दिक्कतें
टैक्स सेविंग
स्मार्ट तरीके से निवेश करने का दोहरा लाभ है क्योंकि यह न केवल भविष्य के लिए धन इकट्ठा करने में मदद करता है बल्कि टैक्स कटौती से वेतन की कुछ राशि भी बचाता है. निवेश करने के लिए पर्याप्त विकल्प हैं जो टैक्स से भी बचाने में मदद करेंगे. इन विकल्पों में पीपीएफ, एनपीएस, ईएलएसएस फंड आदि शामिल हैं.
इंवेस्टमेंट
ये भी पढ़ें–डेबिट कार्ड के मामले में ये एक गलती पड़ सकती है महंगी, खाली हो सकता है आपका अकाउंट
कई लोग अपना पहला वेतन मिलते ही बचत करना भी शुरू कर देते हैं. टैक्स बचत निवेश विकल्प लंबी अवधि के निवेश में चक्रवृद्धि की पावर का उपयोग करने में भी मदद करते हैं, जो परिपक्वता के समय निवेश की छोटी राशि को बढ़ाने में मदद करता है. यहां ईएलएसएस के बारे में जानते हैं जो टैक्स सेविंग निवेश विकल्पों में शामिल है.
ईएलएसएस फंड
ये भी पढ़ें–Income Tax बचाने का है अच्छा मौका, नोट करें 31 मार्च की तारीख, सरकार दे रही ये सुविधाएं
उन लोगों के लिए जो थोड़ी प्रगति करना चाहते हैं और कुछ और टैक्स इंवेस्टमेंट विकल्प तलाशना चाहते हैं, वे ईएलएसएस फंड का उपयोग करके इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. इन्हें टैक्स सेविंग फंड कहा जाता है क्योंकि वे आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत सालाना टैक्सेबल इनकम से अधिकतम 1,50,000 रुपये की टैक्स छूट प्रदान करते हैं.
लॉक इन पीरियड
ईएलएसएस फंड एक इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम है. इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. 3 साल के कार्यकाल के लिए निवेश करने के बाद अर्जित राशि पर सरकार के जरिए 10% की दर से टैक्स लगाया जाएगा क्योंकि यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आएगी.