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क्‍या लद गए वर्क फ्रॉम ऑफिस के दिन? ज्‍यादा सैलरी में भी दफ्तर आने को राजी नहीं कर्मचारी, बोले- WFH नहीं तो नौकरी नहीं

Work From Home- फ्लेक्सिबल शैड्यूल, आने-जाने में लगने वाला समय और पैसा बचना तथा घर के तनावरहित माहौल की वजह से वर्क फ्रॉम होम कल्‍चर लोकप्रिय हुआ है. आलम ये है कि कर्मचारी अब वापस ऑफिस आने को तैयार नहीं हो रहे.

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नई दिल्‍ली. कोरोना (Covid-19) महामारी में शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कल्‍चर कर्मचारियों को इतना भा रहा है वे ज्‍यादा सैलरी मिलने पर भी ऑफिस आकर काम करने को राजी नहीं हैं. जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम ऑफिस (Work From Office) सख्‍ती से लागू किया है, उन कंपनियों में इस्‍तीफे बढ़ गए हैं. भारत हो या अमेरिका, वर्क फ्रॉम होम, अब न्‍यू नॉर्मल हो चुका है. अमेरिका की हालत तो यह है कि वहां अब विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वर्क फ्रॉम ऑफिस के दिन लद गए हैं. कर्मचारियों को ऑफिस बुलाकर सप्‍ताह में पांच दिन काम कराना एक टफ टास्‍क बन चुका है.

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मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जॉब साइट इंडीड (Job Website Indeed) के अर्थशास्‍त्री निक बंकर ने सीएनबीसी को बताया कि कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दे रहे हैं. बहुत से एम्‍पलाई तो ऐसे हैं, जिन्‍होंने तो अब तय कर लिया है कि उन्‍हें से बस घर से ही नौकरी करनी है. स्‍टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्चर निकोलस ब्‍लूम का कहना है कि 2019 में वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों की संख्‍या कुल वर्कफोर्स की अमेरिका में 5 फीसदी थी. कोरोना में यह आंकड़ा 60 फीसदी तक जा पहुंचा. अब यह संख्‍या 27 फीसदी है.

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WFH बंद किया तो बढ़े इस्‍तीफे
ब्‍लूम ने बताया कि फ्लेक्सिबल शैड्यूल, आने-जाने में लगने वाला समय और पैसा बचना तथा घर के तनावरहित माहौल की वजह से वर्क फ्रॉम होम कल्‍चर लोकप्रिय हुआ है. अमेजन (Amazon) और स्‍टारबक्‍स जैसी कंपनियों ने सख्‍ती से ऑफिस आकर काम करना लागू किया तो अचानक इन कंपनियों में इस्‍तीफों की बाढ़ आ गई. ट्विटर ने भी अपना सिएटल ऑफिस हाल ही में बंद कर दिया और कर्मचारियों को घर से ही काम करने का कहा. पहले कंपनी ने सप्‍ताह में 40 दिन ऑफिस आकर काम करना अनिवार्य किया था.

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क्‍यों बढ़ रहा है चलन
जिपरिक्रुटर (ZipRecruiter) की मुख्‍य अर्थशास्‍त्री जूलिया पोलाक का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम से कंपनियों को दो फायदे हुए हैं. कर्मचारियों को अपने साथ बनाए रखने में जहां डब्‍ल्‍यूएफएच ने मदद की है, वहीं टैलेंटेड कर्मचारियों को हायर करने के ज्‍यादा मौके भी इसने दिए हैं. वर्क फ्रॉम होम के कारण कर्मचारी दुनिया के किसी हिस्‍से में बैठकर भी काम कर सकता है. इससे देशों की सीमाएं गौण हुई हैं और कंपनियों की पहुंच बड़े लेवल के टैलेंट पूल तक हो गई है.

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कम पैसों में भी काम करने को राजी
जिप रिक्रुटर द्वारा अमेरिका में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि घर से काम करने की इजाजत मिलने पर कर्मचारी 14 फीसदी कम सैलरी पर भी काम करने को राजी हैं. यही नहीं जिन कर्मचारियों के छोटे बच्‍चे हैं, वे तो 20 फीसदी कम वेतन पर भी काम करने का राजी हैं.

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