गुजरात के आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने गुजरात की तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था
भुज: गुजरात पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को कच्छ जिले का जिलाधिकारी रहने के दौरान 2004-05 में कम मूल्य पर भूमि आवंटित कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. बता दें कि आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने गुजरात की तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पी सी सोनी की अदालत ने शर्मा को तीन दिन के लिए सीआईडी की हिरासत में भेज दिया. सीआईडी ने सात दिन की रिमांड मांगी थी. पुलिस उपाधीक्षक (सीआईडी अपराध) वी. के. नेई ने बताया कि 1984 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा और दो अन्य के खिलाफ शनिवार को कच्छ जिले के भुज में सीआईडी (अपराध) सीमा क्षेत्र पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा, शर्मा को गांधीनगर में हिरासत में लिया गया और रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तारी के समय शर्मा पिछले मामलों में जमानत पर थे. शर्मा ने पूर्व में दावा किया था कि उन्हें गुजरात की तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा प्रताड़ित किया गया था.
बता दें कि प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. शर्मा के खिलाफ कच्छ जिले के गांधीधाम तालुका के चुडवा गांव में जमीन के आवंटन के इस नये मामले में आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई. प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने कच्छ के जिलाधिकारी के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और प्रावधानों की अनदेखी कर सरकारी जमीन को कथित तौर पर बहुत कम कीमत पर आवंटित किया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.
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मामला नवंबर 2004 से मई 2005 के बीच हुए जमीन आवंटन से जुड़ा है. इसमें कहा गया है कि शर्मा ने तत्कालीन स्थानीय उपजिलाधिकारी और भुज नगर नियोजक के साथ एक आपराधिक साजिश रची, जिन्हें मामले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है.
गौरतलब है कि शर्मा 2003 और 2006 के बीच कच्छ के जिलाधिकारी थे. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं, और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया था. ( भाषा)