How to make new country: यूरोपियन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों पर मौजूद आईलैंड (Island) खरीदने का चलन है. ये आईलैंड खरीदना एक आम बात है और ये उतना महंगा भी नहीं है, जितना हम सोच लेते हैं. कई बार तो ये महज 1 लाख डॉलर यानी 1 करोड़ रुपये से भी कम में मिल जाता है. इसका सीधा फंडा यह है कि बड़े-बड़े रईस अपनी छुट्टियां बिताने के लिए खुद की सुनसान और दूरदराज की स्पेस चाहते हैं, इसलिए निजी आईलैंड खरीद लेते हैं. ये प्राइवेट प्रॉपर्टी होती है, जिसका वो मनमर्जी से इस्तेमाल करते हैं. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या विवादित धर्मगुरू और भगोड़े नित्यानंद की तरह कोई अपना देश बना सकता है?
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भारतीयों के पास भी अपने आइलैंड!
कहा जाता है कि कुछ भारतियों के पास भी पर्सनल आईलैंड हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन हस्तियों में बॉलीवुड सेलिब्रेटीज भी हैं. यानी पास में मोटा पैसा हो तो कोई भी प्राइवेट आइलैंड खरीद सकता है. या कुछ समय के लिए किराए पर ले सकता है.
कब कैसे और कितने रुपये में मिलेगा आईलैंड?
आईलैंड की कीमत लोकेशन के हिसाब से तय होती है. सेंट्रल अमेरिका में सस्ते आईलैंड मिल जाते हैं तो यूरोप में इनके दाम आसमान छूते हैं. लंदन में एक आईलैंड की औसत कीमत साढ़े सात लाख डॉलर यानी करीब 5 करोड़ 35 लाख रुपये होती है. कुछ अन्य इलाकों में आईलैंड की प्राइज मनी करीब 7 करोड़ रुपये से शुरू होती है. कही आइलैंड की सेल के लिए बोली लगती है तो कुछ कंपनियां ऑनलाइन आईलैंड बेचती हैं.
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क्या कोई भी चाहे तो देश बना सकता है?
छोटा-मोटा आईलैंड खरीदना अलग बात है, और देश बना लेना एकदम अलग. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की शर्तें पूरी होनी चाहिए. इसके बाद भी अगर कहीं पर कंफ्यूजन हो तो देश के तौर पर आपकी क्लेम की जा रही जमीन को मान्यता नहीं मिलती. अलग देश बनाने के लिए सबसे जरूरी शर्त है देश की सीमाओं का तय होना. यानी कोई देश कहां से शुरू और किस जगह खत्म होता है, इसका पूरा और पुख्ता सबूत होना चाहिए. कई बार कुछ छोटे देश एक-दूसरे को मान्यता दे देते हैं ताकि आपसी लेनदेन कर सकें, लेकिन असली बात है संयुक्त राष्ट्र संघ से मान्यता मिलना. क्योंकि इसके बाद ही वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं से उस देश का नाता जुड़ता है.
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कैसे मिलती है यूनाइटेड नेशन्स की मान्यता?
इसके लिए यूएन के सेक्रेटरी जनरल को इस आशय की चिट्ठी लिखते हुए अपील करनी पड़ती है. इसके बाद यूएन चार्टर में किसी देश के होने का मुद्दा उठता है जिसमें आपको साबित करना होगा कि आप एक अलग देश क्यों और कैसे हैं? नया देश बनने से दुनिया को क्या फायदा होगा यह बताने के साथ आपको खुद को शांतिप्रिय साबित करना होगा. जाहिर है ऐसा करना सबके बस की बात नहीं. वहीं इस काम में कुछ और तकनीकी पेंच भी आडे़ आ सकते हैं.