Weather Today: ज्यादातर उत्तरी मैदान खतरनाक गतिविधि से बचेंगे, दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तरी कर्नाटक में बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश होगी. 15 और 16 मार्च को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना है.
नई दिल्ली. दिल्ली में सोमवार को आसमान मे बादल छाए रहेंगे, जबकि बिहार और राजस्थान में अगले कुछ दिनों में बारिश होने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर में मौसम साफ रहेगा. वहीं, दक्षिण-पश्चिम के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ बारिश का पूर्वानुमान है.
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को मौसम विभाग ने आंशिक रूप से बादल छाए रहने और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है. रविवार को अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के औसत तापमान से पांच डिग्री अधिक है और यह इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि गर्मियों का मौसम एक मार्च से शुरू होकर 31 मई तक रहता है.
जम्मू-कश्मीर में कैसा रह सकता है मौसम
इस बीच, मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अगले 24 घंटों के दौरान मुख्य रूप से आसमान साफ रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मौसम साफ रहने या हल्के बादल छाए रहने की संभावना है. श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान 4.2 पहलगाम में 0.6 और गुलमर्ग में 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा. लद्दाख क्षेत्र के द्रास शहर में न्यूनतम तापमान माइनस 11.6 और लेह में माइनस 3.6 रहा. जम्मू में 15.8, कटरा में 15.3, बटोटे में 10.5, बनिहाल में 5.6 और भद्रवाह में 7.5 न्यूनतम तापमान रहा.
देश गरज, ओलावृष्टि और बिजली गिरने के साथ-साथ प्री-मानसून बारिश और गरज के साथ बौछारों के एक और लंबे दौर के लिए तैयार है. इसके साथ, भारत के कई हिस्सों में खड़ी फसल पर फसल के नुकसान का खतरा मंडरा रहा है. आगामी स्पेल कई मौसम प्रणालियों के बीच परस्पर क्रिया का परिणाम होगा. जलवायु मॉडल के अनुसार, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और इससे सटे उत्तर आंध्र प्रदेश में दोहरे चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र बनने की संभावना है. इन दोनों प्रणालियों के बीच एक गर्त बनने की संभावना है.
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विशेषज्ञ का कहना है- अरब सागर के साथ-साथ दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी से नमी फीड के कारण दोनों प्रणालियां और अधिक चिह्न्ति हो जाएंगी. इसके अलावा, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उसी समय के दौरान पश्चिमी हिमालय से होकर गुजरने की संभावना है. यह सभी प्रणालियां मिलकर 13 से 18 मार्च के बीच देश के मध्य, पूर्वी और दक्षिणी भागों में व्यापक मौसम गतिविधि को बढ़ावा देंगी.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में ओलावृष्टि की संभावना
जबकि ज्यादातर उत्तरी मैदान खतरनाक गतिविधि से बचेंगे, दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ और मराठवाड़ा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तरी कर्नाटक में बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश होगी. 15 और 16 मार्च को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि की भी संभावना है. इस सर्दी के मौसम में भारत पहले से ही औसत तापमान से ऊपर रहा है, दिसंबर और फरवरी 1901 के बाद से सबसे गर्म रहा है.
(इनपुट एजेंसी से भी)