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बिहार

जमीन के बदले नौकरी मामला : लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत

लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती की आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई. अदालत ने तीनों को ही 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.

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Land For Job case: जमीन के बदले नौकरी मामले में दिल्ली की एक अदालत के समन के बाद पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती आज यानी बुधवार 15 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. अदालत ने तीनों को ही 50-50 हजार के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि के साथ जमानत दे दी.

यूपीए-1 सरकार के दौरान रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव पर जमीन के बदले नौकरी देने का मामला चल रहा है. इस मामले में उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है और आज तीनों की दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी है. बुधवार 15 मार्च की सुबह करीब 10 बजे तीनों कोर्ट में सुनवाई के लिए निकले.

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ज्ञात हो कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को इन तीनों को समन जारी किया था. लालू परिवार पर रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन लेने या उनके परिवार को बेचने के लिए दबाव डालने का आरोप है. यह उस समय की बात है, जब लालू यादव साल 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे.

सीबीआई ने अपनी चार्ज शीट में आरोप लगाया है कि लालू यादव के कार्यकाल के दौरान भारतीय रेलने में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई थीं. आरोप है कि नौकरी पाने के लिए लोगों ने बहुत ही कम कीमतों (बाजार भाव से 5 गुना कम दाम) पर लालू यादव के परिवार को अपनी जमीनें बेच दी थीं. इसमें कुछ जमीनें सीधे लालू यादव के परिवार के नाम हुईं, जबकि कुछ उनके करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के नाम.

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सीबीआई ने 10 अक्टूबर 2022 को इस संबंध में 16 लोगों के नाम पर चार्जशीट दाखिल की. इसमें लालू प्रसाद यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती का भी नाम शामिल है. राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजली गोयल ने 27 फरवरी को इस मामले में सुनवाई की और माना कि जांच रिपोर्ट के अनुसार आईपीसी व प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत घोटाला हुआ है. इसके बाद जज ने आरोपियों को समन जारी किया.

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सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि बिहार के कई लोगों को साल 2004 से 2009 के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में ग्रुप-डी की पोस्ट पर भर्ती किया गया था. इन रेल जोन में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर शामिल हैं. इन भर्तियों के बदले नौकरी पाने वाले लोगों ने अपनी जमीनें लालू परिवार के सदस्यों के नाम कर दी. इसके अलावा एक कंपनी AK इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी कुछ जमीनें की गईं, जिसे बाद में लालू यादव के परिवार ने टेक ओवर कर लिया. सीबीआई का आरोप है कि इन भर्तियों के लिए कोई भी विज्ञापन नहीं निकाला गया था.

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