High sodium consumption: हमारे देश में अधिकांश लोग ज्यादा नमक का सेवन करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ज्यादा नमक का सेवन कई बीमारियों को खुलमखुला दावत जैसा है. इसलिए हर व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि उसे एक दिन में कितने नमक की जरूरत होती है.
Side Effects off High Salt Consumption: नमक की थोड़ी मात्रा हमारे शरीर के लिए जरूरी है लेकिन इसके ज्यादा सेवन से बहुत अधिक नुकसान होता है. हार्वर्ड मेडिकल ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि लगातार खून में सोडियम की मात्रा ज्यादा बनी रही तो इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल्योर और किडनी डैमेज का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. नमक के ज्यादा सेवन करने का सबसे पहला असर हाई ब्लड प्रेशर के रूप में सामने आता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों का बीपी बढ़ा हुआ है लेकिन दुर्भाग्य से इनमें से 46 प्रतिशत को पता भी नहीं है कि उन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है. ब्लड प्रेशर के अधिकांश मामलों में ज्यादा नमक ही जिम्मेदार होता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि रोजाना कितना नमक का सेवन करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक नहीं है.
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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हर साल ज्यादा नमक के सेवन के कारण करीब 25 लाख लोगों की मौत हो जाती है. अगर नमक की मात्रा में थोड़ी कमी कर ली जाए तो इनमें से अधिकांश लोगों को मौत से बचाया जा सकता है.
नमक की कितनी मात्रा पर्याप्त है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना 2 ग्राम से ज्यादा सोडियम का सेवन नहीं करना चाहिए. सोडियम का मुख्य स्रोत नमक है. हम जो नमक खाते हैं वह सोडियम क्लोराइड होता है. इसमें 40 प्रतिशत सोडियम और 60 प्रतिशत क्लोराइड होता है. यानी अगर हम रोजाना 5 ग्राम नमक का सेवन करेंगे तो मोटे तौर पर इसमें 2 ग्राम सोडियम होगा. इतना नमक हमारे लिए पर्याप्त है. लेकिन औसतन लोग 9 से 12 ग्राम तक नमक रोजाना खाते हैं. नमक के ज्यादा इस्तेमाल के कारण प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से 30 लाख लोगों को मौत हो जाती है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नमक की खपत में थोड़ी कमी कर लिया जाए तो हर साल लाखों लोगों की जान बच सकती है.
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नमक के ज्यादा सेवन से होती है ये घातक असर
हार्वर्ड मेडिकल रिसर्च के मुताबिक शरीर में जब सोडियम की मात्रा ज्यादा होने लगती है तब किडनी पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ने लगता है. सोडियम खून की नस-नस में पहुंच कर दबाव बनाने लगता है. इस सोडियम को खून से फ्लश आउट करने के लिए अतिरिक्त पानी की जरूरत पड़ती है. अगर सोडियम की मात्रा लगातार खून में ज्यादा बनी रहेगी तो खून की नसों में पानी भी लगातार बना रहेगा. इससे खून पतला होता रहेगा. इस सबका नतीजा यह होगा कि खून और फ्लूड दोनों की वॉल्यूम बढ़ जाएगा. ब्लड का वॉल्यूम जब ज्यादा होगा तो हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ेगा इससे ब्लड प्रेशर हाई हो जाएगा और खून की नसों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ेगा. इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल्योर का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा. कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि सोडियम की मात्रा अगर लगातार खून में बनी रहे तो किडनी भी डैमेज हो सकती है और इससे हड्डियों को भी नुकसान हो सकता है.