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हेल्थ

5 उपाय, जिनकी मदद से आप अपनी हार्ट हेल्थ में सुधार कर सकते हैं, इनसे मजबूत रहेगा दिल

Heart Health: दिल को स्वस्थ रखना बहुत ही जरूरी है. दिल से जुड़ी कई बीमारियां अचानक आती हैं और यह घातक साबित हो सकती हैं. यहां हम आपको 5 उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने दिल को मजबूत रख सकते हैं.

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Heart Health: दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियां (Heart Disease) तेजी से बढ़ रही हैं. दुनियाभर में असमय होने वाली कुल मौतों में एक तिहाई लोग किसी न किसी तरह की दिल की बीमारी के कारण जान गंवाते हैं. हम किस तरह का भोजन करते हैं, उसका हमारी हार्ट हेल्थ पर बहुत असर पड़ता है. अगर हम हेल्दी फूड खाते हैं तो इससे न सिर्फ हम अपने हार्ट हेल्थ को सुधार सकते हैं, बल्कि हार्ट डिजीज को पनपने से भी रोक सकते हैं. अगर आप हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स के बारे में जान लेंगे तो यह हेल्थी हार्ट की तरफ एक बड़ा कदम होगा. ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), ट्राइग्लिसराइड्स, सूजन और कॉलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स हैं. अच्छी बात यह है कि हम इन सभी रिस्क फैक्टर्स को अपने भोजन के जरिए कम कर सकते हैं. इस आर्टिकल में जानते हैं कि हेल्दी डाइट की मदद से हम कैसे अपनी हार्ट हेल्थ को सुधार सकते हैं.

चलिए जानते हैं हम अपनी डाइट की मदद से हार्ट हेल्थ को कैसे सुधार सकते हैं –

फूड से कॉलेस्ट्रॉल को मैनेज कर सकते हैं

आपको अपने खानपान का बहुत ध्यान रखना होगा. कुछ तरह के फूड हमारा बेड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं, जबकि कुछ इसे कम करने में भी मददगार होते हैं. हमारे शरीर के हर सेल मेम्ब्रेन में कॉलेस्ट्रॉल होता है. यह एक ऐसा लिपिड है तो कई तरह की मेटाबोलिक प्रोसेस के लिए बहुत जरूरी होता है. कॉलेस्ट्रॉल का निर्माण हमारे शरीर में ही लिवर, हमारे खाए गए भोजन से करता है. LDL यानी बैड कॉलेस्ट्रॉल को धमनियों (Arteries) में जमा जाता है और रक्त संचार (Blood Flow) में दिक्कत करता है. गुड कॉलेस्ट्रॉल यानी (HDL) हमारे शरीर से कॉलेस्ट्रॉल को बाहर करने में मदद करता है और LDL को धमनियों (Arteries) में जमा होने से रोकता है. धमनियों में कॉलेस्ट्रॉल जमा होने की वजह से कई तरह की हार्ट डिजीज हो सकती हैं.

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अनसैचुरेटेड फैट है हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी

सैचुरेटेड और ट्रांस डायट्री फैट्स की जगह अनसैचुरेटेड फैट (Good Fats) के सेवन से आप हार्ट डिजीज की संभावना को कम कर सकते हैं. मक्खन, घी, नारियल तेल और पाम ऑयल की जगह ऑलिव ऑयल, एवाकाडो, सूरजमुखी (Sunflower), कैनोला, सैफ्लोवर, मूंगफली का तेल (Peanut Oil), सोयाबीन और तिल का तेल (Sesame Oil) का इस्तेमाल करें. अनसैचुरेटेड नट्स, बीज, अवोकाडो और कई तरह से बीच (Seeds) जैसे चिया सीड, ताहिनी सीड और अलसी के बीजों का सेवन करें. यह बीज अनसैचुरेटेड फैट के बड़े स्रोत हैं.

जरूरी न्यूट्रिएंट्स से सुधारें हार्ट हेल्थ

फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले फाइबर, पोटैशियम और अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट हमें हार्ट डिजीज से बचाते हैं. यह फल और सब्जियां फोलेट के भी अच्छे स्रोत हैं. यह दिल के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों को कम करने में मददगार होते हैं. अगर आप कार्डियोवस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करना चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में दालें, नट्स और सीड्स को शामिल करना चाहिए. यह सभी प्लांट प्रोटीन, फाइबर, लाभदायक फैट्स और मिनरल के अच्छे स्रोत हैं.

ग्लाइसेमिक लेवल को मैनेज करने के उपाय

रिफाइन्ड न किए गए कार्बोहाइड्रेट सोर्स, जिनमें ग्लाइसेमिक लोड कम होता है, वह आपकी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं. इसमें होलग्रेन ब्रेड, सीरियल्स, दालें और कई वैराइटी के चावल व पास्ता के साथ ही अधिकतर सब्जियां व फल शामिल हैं. यह ब्लड ट्राइग्लिसराइड और ग्लूकोज (Sugar) लेवल, डायबिटीज को मैनेज करने और हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. होलग्रेन सीरिल्स से भरपूर डाइट LDL कॉलेस्ट्रोल और हार्ट डिजीज के रिस्क को कम कर सकती है. ओट्स, मसूर (Lentils) और बार्ले (जौ) ऐसे फूड हैं, जिनमें सॉल्यूबल फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है. इस तरह के फूड कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में बहुत ही उपयोगी होते हैं.

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एंटीऑक्सीडेंट की मदद से दिल को बचाएं

कुछ रिसर्च के अनुसार विटामिन ई, एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. यह LDL कॉलेस्ट्रॉल से भी सुरक्षा देता है. एवोकाडो, हरी पत्तेदार सब्जियां, वेजिटेबल ऑयल (रिफाइंड तेल) और होलग्रेन गुड्स, विटामिन ई के बहुत ही अच्छे स्रोत हैं. विटामिन ई की गोलियां खाने की बजाय आपको इसके नेचरल सोर्सेज पर भरोसा करना चाहिए. यानी ऐसा भोजन करना चाहिए, जिसमें विटामिन ई भरपूर मात्रा में हो. कुछ स्टडीज के अनुसार विटामिन ई, आर्टरीज में फैटी डिपॉजिट बनने से रोकने का काम करता है. यह रक्त वाहिकाओं के हेल्थ में भी सुधार करता है, जिससे उनमें खून का संचार बेहतर तरीके से होता है. विटामिन ई, रक्त वाहिकाओं में एंटी ब्लड क्लॉटिंग एजेंट के तौर पर काम करता है.

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