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क्रेडिट कार्ड से विदेश घूमना पड़ेगा महंगा, TCS के दायरे में आएंगे खर्चे, जानिए पूरी डीटेल

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विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से पेमेंट को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में लाया जाएगा. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) के दायरे में आएं.

विदेश यात्रा पर जाने वालों के लिए जरूरी खबर है. अगर आप फॉरेन टूर के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा. दरअसल, विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से पेमेंट को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के दायरे में लाया जाएगा. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे खर्चे टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) के दायरे में आएं.

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वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को फाइनेंस बिल 2023 (Finance Bill 2023) सदन में विचार के लिए रखने और पारित करने के लिए पेश करते हुए कहा कि RBI को विदेशी दौरों पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान (Credit Card Payments) को एलआरएस (LRS) के तहत लाने के लिए तरीके खोजने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा, यह पाया गया है कि विदेशी दौरों पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान LRS के तहत नहीं आता है और ऐसे भुगतान टीसीएस (TCS) से बच जाते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि RBI से विदेशी दौरों पर Credit Card भुगतान को एलआरएस के तहत लाकर TCS के तहत लाने के तरीके निकालने के लिए आग्रह किया गया है.

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मेडिकल-एजुकेशन पर TCS नहीं

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत 1 जुलाई, 2023 से शिक्षा और चिकित्सा को छोड़कर भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने पर 20% टीसीएस का प्रस्ताव किया गया. इस प्रस्ताव से पहले, भारत से बाहर 7 लाख रुपये से ज्यादा भेजने पर 5% टीसीएस लगता था. 

सोर्स पर टैक्स कलेक्शन एक इनकम टैक्स है, जो खरीदार से निर्दिष्ट सामानों के विक्रेता द्वारा एकत्र किया जाता है. TCS एक ऐसा तंत्र है जहां विशिष्ट वस्तुओं को बेचने वाला व्यक्ति एक निर्धारित दर पर खरीदार से टैक्स जुटाकर उसे सरकार के पास जमा करने के लिए उत्तरदायी है. देश में 2004 में लाए गए एलआरएस के तहत शुरुआत में 25,000 डॉलर भेजने की अनुमति थी. एलआरएस सीमा को आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप अलग-अलग चरणों में संशोधित किया गया है.

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