New Income Tax Rules: चालू वित्त वर्ष के समाप्त होते ही नए वित्तीय वर्ष में आयकर से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव हो जाएंगे. आयकर नियमों में बदलाव 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में किए गए प्रस्ताव के मुताबिक किया जाएगा.
New Income Tax Rules: 1 अप्रैल 2023 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने जा रही है. 1 अप्रैल से आयकर नियमों में कई बदलाव होने जा रहे हैं. इन आयकर नियमों में केंद्रीय बजट 2023 के प्रस्तावों के आधार पर बदलाव होने जा रहा है, जो हाल ही में संसद द्वारा वित्त विधेयक 20223 के माध्यम से पारित किए गए हैं.
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वित्त विधेयक के मुताबिक, 5 लाख के वार्षिक प्रीमियम पर आयकर पॉलिसीज से जो इनकम होगी. उसे अब 1 अप्रैल 2023 यानी कल से टैक्सेबल कर दिया गया है. हालांकि, ये भी नहीं है कि सभी जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली इनकम आय कर योग्य हो जाएगी. अगले वित्तीय वर्ष से केवल उन्हीं जीवन बीमा आय पर कर लगाया जाएगा जिनका वार्षिक प्रीमियम 5 लाख से अधिक है.
बता दें, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए 5 लाख से अधिक के वार्षिक प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी की आय पर कर लगाने का प्रस्ताव दिया था, जिसमें कहा गया था कि यह प्रदान करने का प्रस्ताव है कि जहां जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए कुल प्रीमियम (अन्य के अलावा) ULIP) जो 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी किया गया है. केवल 5 लाख तक के कुल प्रीमियम वाली पॉलिसी से होने वाली आय पर छूट प्राप्त होगी.
यह व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि को प्रदान की गई कर छूट को प्रभावित नहीं करेगा. यह 31 मार्च, 2023 तक जारी बीमा पॉलिसियों को भी प्रभावित नहीं करेगा.
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केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2.5 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक प्रीमियम पर ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) से प्राप्त आय पर आयकर लगाया था. इसलिए, 1 अप्रैल 2023 से, यूलिप से वार्षिक प्रीमियम पर 2.50 लाख तक की आय और जीवन बीमा से वार्षिक प्रीमियम पर 5 लाख तक की आय पर आयकर से छूट मिलेगी.
1 अप्रैल से कुछ और इनकम टैक्स नियमों में होंगे बदलाव
1 अप्रैल से अ्रनिंग करने वाले व्यक्तियों के लिए नया इनकम टैक्स स्लैब बाय-डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम बन जाएगा. अब, यदि एक कमाने वाला व्यक्ति पुरानी कर व्यवस्था के साथ जाना चाहता है, तो उसे पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनने की आवश्यकता है. नई कर व्यवस्था डिफाल्ड मानी जाएगी.
पुरानी और नई आयकर व्यवस्था दोनों के लिए 50,000 रुपये की मानक कटौती पारित की गई है.
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कर मुक्त आय अब 1 अप्रैल 2023 से 7 लाख रुपये प्रति वर्ष हो गई है.