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क्या और महंगा होगा लोन? कल से शुरू हो रही है MPC की बैठक, रेपो रेट में 0.25% बढ़ोतरी कर सकता है RBI

RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 3, 5 और 6 अप्रैल को होने जा रही है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान कि इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया जा सकता है.

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नई दिल्ली. क्या एक बार फिर लोन (Loan) लेना महंगा हो जाएगा? सोमवार (3 अप्रैल) से शुरू होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक से पहले यह आशंका जताई जा रही है. दरअसल, एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है.

खुदरा महंगाई के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच आरबीआई भी रेपो रेट (Repo Rate) में 0.25 फीसदी की एक और बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है. यह मई, 2022 से शुरू हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चक्र में संभवत: आखिरी वृद्धि होगी. बता दें कि आरबीआई की एमपीसी की द्विमासिक समीक्षा बैठक 3 अप्रैल से शुरू होने वाली है. 3 दिन तक चलने वाली यह बैठक 6 अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी.

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फरवरी में में भी रेपो रेट में 0.25 फीसदी की हुई थी वृद्धि
महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है. इस दौरान रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है. गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि की गई थी.

जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी रही महंगाई दर
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही है. खुदरा महंगाई का यह स्तर आरबीआई के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से अधिक है.

एक्सिस बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में कहा, ‘‘मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद करता हूं.’’

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बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘पिछले दो माह से मुद्रास्फीति के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और तरलता के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके साथ ही आरबीआई अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में वृद्धि का दौर खत्म हो चुका है.’’

चालू वित्त वर्ष में MPC की 6 बैठकें होंगी
कुल मिलाकर समूचे चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल 6 एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा. केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति 4 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे.

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