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Income Tax Rebate: वरिष्ठ नागरिकों को FD के ब्याज पर 10 फीसदी TDS देने से मिल सकती है छूट, तुरंत जान लें नियम

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Income Tax Rebate: वरिष्ठ नागरिकों को FD के ब्याज पर 10 फीसदी TDS देने से छूट मिल सकती है. अगर आप बुजुर्ग हैं और 10 फीसदी टीडीएस देने से बचना चाहते हैं तो आपको पहले कुछ जरूरी काम करने होंगे.

Income Tax Rebate: सरकार बुजुर्गों को टैक्स में छूट देती है. इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को एफडी के ब्याज पर टीडीएस भुगतान से छूट दी गई है. अगर आप बुजुर्ग हैं और 10 फीसदी टीडीएस देने से बचना चाहते हैं तो आपको पहले कुछ जरूरी काम करने होंगे.

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सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें

वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में स्व-घोषणा पत्र अपने बैंक में जमा करना चाहिए. इनमें फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच शामिल हैं.

बैंक से करें ब्याज न काटने का अनुरोध

यदि कर योग्य आय कर-मुक्त सीमा से कम है, तो करदाता बैंक से ब्याज पर कर नहीं काटने का अनुरोध कर सकता है. इस वर्ष से, 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहते हैं, वे अपने बैंक में फॉर्म 12BBA जमा कर सकते हैं.

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किसे मिलेगी छूट?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट सिर्फ ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है, जिनकी पेंशन और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से ही आमदनी होती है. दूसरी शर्त यह है कि पेंशन और फिक्स्ड डिपॉजिट एक ही बैंक में होना चाहिए. फॉर्म 12BBA में कई चीजें भरनी होती हैं. इनमें सेक्शन 80C से सेक्शन 80U के तहत कटौती, सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट और फिक्स्ड डिपॉजिट और FD से होने वाले ब्याज से होने वाली कुल आय का विवरण शामिल है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक फॉर्म जमा करने के बाद बैंक करदाता की कुल आय की गणना करता है. इसके लिए वह धारा 87ए के तहत कर कटौती और छूट पर विचार करता है और स्लैब दर के अनुसार अंतिम आय से कर काटता है.

सीबीडीटी ने इस बात का विशे। खयाल रखा है कि इस फॉर्म को भरने में किसी तरह की परेशानी ना हो. इसके लिए उसने बैंकों से वरिष्ठ नागरिकों को फॉर्म भरने में मदद करने को कहा है.

एक तरह से बैंक वरिष्ठ नागरिक करदाताओं की ओर से आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करेगा. सीबीडीटी का यह कदम बहुत ही अच्छा है. दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर फाइल करने में दिक्कत होती है, क्योंकि इनकम टैक्स के नियम बदलते रहते हैं.

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12BBA जमा करना क्यों जरूरी है?

फॉर्म 12BBA जमा करने का एक और फायदा यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को FD के ब्याज पर काटे गए टैक्स के रिफंड के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, अगर 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक की एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा की ब्याज आय होती है तो बैंक उस पर 10 फीसदी टीडीएस काटेगा.

जो करदाता 5% और 10% आयकर स्लैब में आते हैं, उनका पैसा टीडीएस में चला जाएगा. जैस कि अगर किसी व्यक्ति की ब्याज आय 7 लाख रुपये है तो 10 फीसदी टीडीएस के हिसाब से उसे 70,000 रुपये का नुकसान होगा. अगर करदाता फॉर्म 12BBA जमा करता है तो उसे 52,500 रुपये का टैक्स देना होगा. फॉर्म 12BBA नहीं भरने वाले करदाताओं को 17,500 रुपये का रिफंड मिलेगा.

पैन कार्ड जमा नहीं कराने पर 20 फीसदी टैक्स लगता है

यदि जमाकर्ता स्थायी खाता संख्या (PAN) जमा नहीं करता है, तो एफडी पर 20% कर लगाया जाएगा. अगर आपको मिलने वाली ब्याज की राशि छूट की सीमा के भीतर है और बैंक फिर भी टीडीएस काटता है, तो आप आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसका दावा कर सकते हैं.

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