Corona in Bihar: देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और बिहार की राजधानी पटना तो कोविड का हॉट स्पॉट बन गया है. जानिए क्या हैं पटना के हालात.
पटना : देश में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर से डराने लगे हैं. देश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 10 हजार 158 मामले सामने आए हैं. चिंताजनक यह है कि यह पिछले 8 महीने में एक ही दिन में दर्ज किए गए सबसे ज्यादा मामले हैं. देश के तमाम हिस्सों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बिहार में भी कोविड-19 के मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है. राज्य की राजधानी पटना कोरोना का हॉट-स्पॉट बन गया है. अकेले राजधानी पटना में कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या 111 तक पहुंच गई है.
समूचे बिहार में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य में जांच के दौरान मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. राज्य में मामले किस तरह से बढ़े हैं, यह देखने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह एक बार फिर कितनी तेजी से पांव पसार रहा है. राज्य में 6 अप्रैल को 17 लोगों को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी, 8 अप्रैल को 46 नए मरीज सामने आए. राज्य में 10 अप्रैल को 38 और 12 अप्रैल को कोरोना के 57 नए मामले सामने आए.
राज्य में नए मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और इससे एक्टिव मामलों का बोझ बढ़ता जा रहा है. राज्य में फिलहाल कोरोना के 236 एक्टिव केस हैं. राज्य की राजधानी पटना में बुधवार 12 अप्रैल को 30 नए मामले सामने आने से एक्टिव मामलों की संख्या 11 तक पहुंच गई है.स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. वे घर पर ही रहकर इलाज करवा रहे हैं.
ये भी पढ़ें– IRCTC: रेलवे ने दी बड़ी खुशखबरी, करा रहा चारधाम यात्रा, रहना-खाना होगा फ्री!
राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सभी अस्पतालों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दो दिन पहले ही कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए थे.
बता दें कि देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 44 हजार, 998 तक पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी अपडेटिड आंकड़ों के अनुसार, भारत में इंफेक्शन की दैनिक दर 4.42 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 4.02 प्रतिशत है. देश में इंफेक्शन से जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़कर 5 लाख, 31 हजार, 35 हो गई है.
ये भी पढ़ें– Food Order: ट्रेन में ट्रैवल करते वक्त चाहिए खाना तो ये ऐप आएगा काम, चुटकियों में कर सकते हैं फूड ऑर्डर
ब्लड प्लाज्मा से पता चलेगा मरने की आशंका कितनी है
कोविड-19 मरीजों के खून में विशेष तरह के प्रोटीन यह अनुमान लगाने में मदद कर सकते हैं कि सांस लेने के लिए किसे वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत हो सकती है और किन लोगों के मरने की सबसे अधिक आशंका रहती है. एक शोध में यह बात सामने आई. सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि सैंपल जल्दी हासिल करने से कोविड के बदतर परिणामों से जुड़े प्रोटीन की पहचान करने में मदद मिल सकती है, इलाज में तेजी आ सकती है और वेंटिलेटर या वायरस से होने वाली मौत को रोका जा सकता है.