बिहार के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी से विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं.
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कोलकाता: बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस दौरान 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्लान बना. सभी नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई कि कैसे गठबंधन कर बीजेपी का सामना किया जा सकता है. बैठक से बाहर आकर ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें यह संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं.’’ दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा के बारे में अभी ज्यादा विवरण नहीं मिला है. दोनों ने केवल मोटे तौर पर ही बैठक में चर्चा वाले बिंदुओं की जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने बैठक में इस बारे में बातचीत की कि वे चुनाव से पहले कारगर गठबंधन बनाने के लिए किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं. कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते कहा, ‘‘भारत के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा, शासन करने वालों को केवल प्रचार करने में दिलचस्पी है.’’
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ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने नीतीश कुमार से केवल एक अनुरोध किया है. जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ था. अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करें, तो हम फैसला कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा को बड़ा जीरो बनाना चाहती हूं. वे मीडिया के समर्थन और झूठ से बड़े हीरो बन गये हैं.’’ विपक्षी एकता में कांग्रेस के शामिल होने के सवाल पर बनर्जी ने कहा, ‘‘सभी दल शामिल हैं.’’
ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी के साथ पिछले महीने इसी तरह की बैठकें की थीं. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कुमार ने इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
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हालांकि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने नीतीश और ममता की बैठक को अधिक महत्व नहीं दिया. पार्टी प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमने 2014 और 2019 में भी इस तरह की कोशिशें देखी हैं तथा परिणाम हमारे सामने है. ये बेकार की कवायद हैं जिनका कोई नतीजा नहीं निकलेगा. इस देश की जनता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा करती है. वे कभी भी अस्थिर और अवसरवादी गठबंधन के लिए वोट नहीं देंगे.’’ उनके सुर में सुर मिलाते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि क्षेत्रीय दल अपने-अपने राज्यों में वजूद बचाने के लिए साथ आने की कोशिश कर रहे हैं.
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तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा की यह आलोचना विपक्षी दलों के साथ आने के प्रयास को लेकर उसके ‘‘डर’’ को दिखाती है. तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा, ‘‘भाजपा 2024 में सत्ता में लौटने का सपना देखने को स्वतंत्र है. लेकिन ऐसा नहीं होने वाला. भाजपा को डर है कि विपक्षी दलों के साथ आने से अगले लोकसभा चुनाव में उसका शासन समाप्त हो सकता है.’’ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि संघीय ढांचे में यदि दो मुख्यमंत्री मिलते हैं तो कोई नुकसान की बात नहीं है.