सारस को फरवरी 2022 में आरिफ ने अपने खेतों में घायल अवस्था में पाया था, जिसके पैर से खून बह रहा था. उसने शुरू में सोचा था कि सारस मर चुका है, लेकिन जब उसे एहसास हुआ कि वह अभी भी सांस ले रहा है, तो उसे घर ले गया.
आरिफ के दोस्त सारस को अभयारण्य में नहीं छोड़ा जाएगा. मुख्य वन संरक्षक के.के. सिंह, कानपुर ने सारस को सैंक्चुअरी यानी अभयारण्य में छोड़ने की किसी भी योजना से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि यह मादा है और कानपुर चिड़ियाघर इसे एक भाग्यशाली खोज मानता है क्योंकि देश के इस हिस्से में इस पक्षी की मादा आबादी बहुत कम है.
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सिंह ने कहा कि 29 मार्च को चिड़ियाघर में लाए जाने के बाद से ठीक से खा नहीं रहे मादा सारस को नर सारस के साथ रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि परीक्षण से पुष्टि होती है कि पक्षी मादा है और अब उसे नर सारस के बगल में एक बाड़े में स्थानांतरित किया जा रहा है. उनके व्यवहार की निगरानी की जाएगी. दो सप्ताह, फिर यह तय किया जाएगा कि नर को उसके बाड़े में ले जाया जाए या नहीं.
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के एक पक्षी विज्ञानी डॉ. रजत भार्गव ने 16 अप्रैल को पक्षी की छाती से एक पंख लिया था और इसके लिंग का निर्धारण करने के लिए इसे डीएनए परीक्षण के लिए सिकंदराबाद भेजा था. पिछले साल पक्षी को बचाने वाले अमेठी जिले के मांडखा गांव के निवासी सारस और आरिफ की अनोखी दोस्ती सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
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सारस को फरवरी 2022 में आरिफ ने अपने खेतों में घायल अवस्था में पाया था, जिसके पैर से खून बह रहा था. उसने शुरू में सोचा था कि सारस मर चुका है, लेकिन जब उसे एहसास हुआ कि वह अभी भी सांस ले रहा है, तो उसे घर ले गया. उसने घाव को साफ किया और उस पर हल्दी और सरसों का मिश्रण लगाया. फिर पैर को स्थिर रखने के लिए बांस की एक पट्टी बनाई. लेकिन स्वस्थ होने के बाद भी सारस उड़ा नहीं.
वायरल हुए वीडियो में सारस हर जगह आरिफ का पीछा करते दिखा. आरिफ जब बाइक पर सवार हुआ तब भी चिड़िया उसके पीछे-पीछे ऊपर उड़ गई. इस बीच, वन विभाग 21 मार्च को सारस को समसपुर पक्षी अभयारण्य ले गया, जहां से यह गायब हो गया, लेकिन बाद में मिल गया. 29 मार्च को इसे कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया और आरिफ के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया.
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वन अधिकारियों ने कहा कि आरिफ का घर एक सारस के रहने के लिए सही जगह नहीं था और उसे पक्षी मिलने पर स्थानीय वन अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था. इस बीच पक्षी का ठीक से खाना न खाना चिड़ियाघर प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि इंसानों के करीब रहने से पक्षियों के खाने की आदत में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, हम इस पर काम कर रहे हैं, उम्मीद है कि पक्षी सामान्य रूप से कच्चा आहार लेना शुरू कर देगा.