आईएमएफ़ (IMF) ने पाकिस्तान के सात महीने से लंबित नौवें समीक्षा बेलआउट पैकेज के तहत सरकार को अपने विदेशी ऋण चुकाने के लिए 8 अरब डॉलर व्यवस्था करने को कहा है. संस्था की तरफ से ये बात शनिवार को कही गई.
इस्लामाबाद. आईएमएफ़ (IMF) ने पाकिस्तान के सात महीने से लंबित नौवें समीक्षा बेलआउट पैकेज के तहत सरकार को अपने विदेशी ऋण चुकाने के लिए 8 अरब डॉलर व्यवस्था करने को कहा है. संस्था की तरफ से ये बात शनिवार को कही गई. एक अंग्रेजी समचार एजेंसी के अनुसार, आईएमएफ़ ने कहा कि अगली ऋण राशि तभी दी जाएगी जब पाकिस्तान सरकार विदेशी ऋण चुकाता है.
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आईएमएफ़ और पाकिस्तान के बीच एक बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्मचारी स्तर का समझौता नवंबर से लंबित है. हालांकि, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के आईएमएफ़ को गारंटी देने के बावजूद 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज पाकिस्तान को मिलने की संभावना कम ही दिख रही है. क्योंकि, आईएमएफ बार बार क़िस्त जारी करने से कतराते रहा है.
पाकिस्तान की राह हुई और भी मुश्किल
पाकिस्तान सरकार अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विदेशी ऋण चुकाने की आईएमएफ़ की मांग पर चर्चा नहीं की है. आईएमएफ़ ने पाकिस्तान के विदेशी कर्ज चुकाने की राशि 6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 8 अरब अमेरिकी डॉलर कर दिया है. वहीं, सरकार ने बताया कि इस विस्तारित फंड से नौवें समीक्षा की संभावनाओं को काफी कम कर दिया है. वहीँ विदेश मंत्री इशाक डार ने बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तान आईएफएफ की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा.
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आईएमएफ़ के हांथों में पाकिस्तान का भविष्य
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरी तरह से आईएमएफ पर निर्भर है कि वह कर्मचारी स्तर के डील पर सिग्नेचर करे या नहीं? पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बयान जारी करके बताया हमने आईएमएफ़ के पूर्व की शर्तों को पूरा कर दिया है. अब हम इस हालत में नहीं हैं कि नयी शर्तों को पूरा करें. आईएमएफ का ध्यान अब पाकिस्तान अपनी बकाया राशि को चुकाने से पीछे नहीं हटे. वहीं पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर फोकस नहीं कर रहा है.