नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई संसद में लोकसभा में अपना भाषण समाप्त करने के बाद कई नेताओं से बातचीत की. लोकसभा में अगली कतार में बैठे पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा से भी पीएम मोदी गुफ्तगू करते दिखे. इससे पहले, उन्होंने संसद के नए भवन को 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब करार देते हुए कहा कि यह इमारत समय की मांग थी और इसके कण-कण से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दर्शन होते हैं. उन्होंने संसद के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की पीठ के निकट स्थापित ‘राजदंड’ (सेंगोल) सभी को प्रेरणा देता रहेगा.
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प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि संसद के नए भवन का कण-कण गरीब को समर्पित है. पीएम मोदी ने कहा, ‘यह सिर्फ एक भवन नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है. यह विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता है. यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है.’
उन्होंने कहा, ‘नया संसद भवन योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से और इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से तथा संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा. यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का नया माध्यम बनेगा. यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा.’
प्रधानमंत्री के मुताबिक, देश की विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं और आज भी ऐसा ही एक दिन है. उन्होंने ‘राजदंड’ का उल्लेख करते हुए कहा, “जब भी नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी यह ‘सेंगोल’ हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा.”
पीएम मोदी ने कहा, ” ‘सेंगोल’ अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था; हमने इसे उचित सम्मान दिया है.” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है. लोकतंत्र हमारे लिए एक संस्कार, एक विचार और एक परंपरा है.’ उन्होंने कहा कि आजादी का अमृतकाल विरासत को सहेजते हुए विकास के नए आयाम गढ़ने का नया काल है.
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प्रधानमंत्री ने कहा, “नए संसद भवन को देखकर हर संसद भवन से भरा हुआ है. इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है. इसमें कला भी है, कौशल भी है. इसमें संस्कृति भी है, संविधान के स्वर भी हैं.” पीएम मोदी ने कहा, “इस भवन के कण-कण में हमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दर्शन होते हैं.”